Corona Vaccine : क्यों नहीं लगवाई वैक्सीन की दूसरी डोज, अब बताना होगा कारण, बिजनौर में की गई यह व्यवस्था

कोरोना की रफ्तार फिर से न बढ़े इसके लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन वैक्‍सील की दूसरी डोज लगवाने वालों का आंकड़ा कम है। इसके लिए शासन ने नई गाइडलाइन जारी की है। इस पर बिजनौर जिले में अमल शुरू हो गया है।

By Parveen VashishtaEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 07:09 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 07:09 PM (IST)
Corona Vaccine : क्यों नहीं लगवाई वैक्सीन की दूसरी डोज, अब बताना होगा कारण, बिजनौर में की गई यह व्यवस्था
कोरोना का दूसरा टीका लगवाए जाने की संख्या काफी कम है।

बिजनौर, जागरण संवाददता। कोरोना को हराने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना टीकाकरण को लेकर शासन प्रशासन खासा जोर दे रहा है। विशेषकर कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन की दस्तक के बाद तो स्वास्थ्य विभाग बेहद सतर्क हो गया है। एक तरफ जहां टीके की प्रथम डोज लगने का आंकड़ा काफी अच्छा रहा, वहीं दूसरा टीका लगवाए जाने की संख्या काफी कम है। अब शासन ने फैसला लिया है कि दूसरी डोज नहीं लगवाने वालों से ही लिखित में लिया जाएगा कि वह टीका क्यों नहीं लगवा रहा है। जिले के इसे लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

पहली के मुकाबले दूसरी डोज लगवाने वाले कम

कोरोना की रफ्तार फिर से न बढ़े, इसके लिए तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं। एक उदाहरण के तौर पर ही देखें तो बिजनौर के चांदपुर में ब्लाक स्तर पर अभी तक तकरीबन 1.90 लाख लोग टीके की पहली डोज लगवा चुके हैं, जबकि दूसरी डोज का आंकड़ा 35 प्रतिशत ही पहुंच सका है। अन्य क्षेत्रों में भी दूसरी डोज को लेकर हालत कुछ ऐसे ही हैं। इसके लिए शासन ने नई गाइडलाइन जारी की है। इस पर जिले में अमल शुरू हो गया है।

लिखकर देना होगा घोषणापत्र

अब टीकाकरण न लगवाने वाले लाभार्थी से ही लिखित में कारण लिया जाएगा। आशा व एएनएम के जरिए उनसे घोषणा पत्र में यह बात लिखकर मांगी जा रही है कि वह टीका क्यों नहीं लगवा रहे हैं। यदि वह बीमार हैं या अन्य कोई कारण है तो उसे घोषणापत्र पर लिखना होगा। इस कार्य में आशा, एएनएम, लेखपाल, सेक्रेटरी तथा आंगनबाड़ी की टीमें लगी हैं। चांदपुर सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. केपी ङ्क्षसह का कहना है कि शुरुआत में दूसरी डोज लगवाने वालों की रफ्तार धीमी थी। इसमें अब सुधार हो रहा है, लेकिन आशा व एएनएम लगातार डोर टू डोर घूमकर टीका न लगवाने वालों से संपर्क कर इसका कारण जान रही हैं। उन पात्रों से कारण भी लिखित में लिया जा रहा है।

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