जहां भगवान श्रीराम का निवास.. वहीं अयोध्या

सरधना कस्बे के रामलीला मैदान में गुरुवार को चौथे दिन संगीतमयी भव्य श्रीराम कथा में कथा व्यास विजय कौशल महाराज ने कहा कि वनवास के दौरान जहां-जहां भगवान श्रीराम का निवास हैं.. वहीं अयोध्या है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Nov 2021 08:47 PM (IST) Updated:Thu, 11 Nov 2021 08:47 PM (IST)
जहां भगवान श्रीराम का निवास.. वहीं अयोध्या
जहां भगवान श्रीराम का निवास.. वहीं अयोध्या

मेरठ, जेएनएन। सरधना कस्बे के रामलीला मैदान में गुरुवार को चौथे दिन संगीतमयी भव्य श्रीराम कथा में कथा व्यास विजय कौशल महाराज ने कहा कि वनवास के दौरान जहां-जहां भगवान श्रीराम का निवास हैं.. वहीं अयोध्या है।

कथा वाचक विजय कौशल महाराज ने कहा कि अवध तहां जहं राम निवासू। तहंइं दिवसु जहं भानु प्रकासू।। जौं पै सीय रामु बन जाहीं। अवध तुम्हार काजु कछु नाहीं।। सकल सौच करि राम नहावा। सुचि सुजान बट छीर मगावा।। अनुज सहित सिर जटा बनाए। देखि सुमंत्र नयन जल छाए।। अवधवासी भगवान श्रीराम के साथ वनवास को चल दिए। भगवान राम ने बहुत समझाया, लेकिन माने नहीं। श्रीराम ने रात्रि में नदी के किनारे विश्राम किया। इसके बाद भगवान सुबह अवधवासियों को छोड़कर आगे चल दिए। इसके बाद श्रीराम क्षंगबेरपुर पहुंचे। जहां वे अपने बचपन के मित्र से मिलते हैं, जो राजा थे। उनके मित्र सभी प्रजावासियों को भगवान श्रीरामचंद्र के दर्शन कराते हैं। कथा व्यास ने बताया कि जहां भगवान श्रीराम का निवास होता हैं, वहीं अयोध्या है। इसके अलावा विजय कौैशल महाराज ने केवट प्रसंग सुनाकर भगवान प्राप्ति का साधन बताते हुए कहा कि भगवान खोजे नहीं जाते, पुकारे जाते हैं।

तीर्थ का प्रणाम है स्नान

विजय कौशल महाराज ने गंगा की महिमा पर व्याख्यान करते हुए कहा कि बड़े परम सौैभाग्यशाली होते हैं, जो तीर्थ पर जाकर गंगा में स्नान करते हैं। सरधना निवासियों का जन्म ही गंगा किनारे हुआ है। तीर्थ पर जाकर गंगा स्नान जरूर करना चाहिए, क्योंकि यह तीर्थ का प्रणाम होता है। अगर बीमार है तो जल का छींटा कर आचमन जरूर करें।

'सत्यवादी राजा हरिश भविष्य में भी नहीं होंगे दूसरे'

कथा वाचक ने कहा कि सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र भविष्य में दूसरे नहीं होंगें, क्योंकि उन्होंने ब्राह्मण को दान में पूरा राज्य दे दिया था। इस दौरान राजा हरिश्चंद्र का माíमक प्रसंग सुनकर श्रद्धालुओं की आंखों में पानी उतर आया। इस दौरान कथा व्यास की भी आंखे भर आईं। उन्होंने गुनगुनाया-तेरी वनत वनत वन जाई हरी नाम लिया कर भाई..

कथा के दौरान विजय कौशल महाराज ने तेरी बनत-बनत बन जाई, हरी नाम लिया कर भाई भजन गाया। इस दौरान श्रद्धालु भगवान श्रीराम भक्ति में लीन होकर झूमने पर मजबूर हो गए। अंत में विधायक संगीत सोम व उनकी पत्नी ब्लाक प्रमुख प्रीति सोम सहित श्रद्धालुओं ने धूमधाम से आरती की। प्रसाद का वितरण डा. सुनील त्यागी की ओर से रहा।

ये लोग रहे मौजूद

मास्टर दीपक शर्मा, मंगू प्रधान, वीरेंद्र चौधरी, गीतिका त्यागी, पूनम गुर्जर, अलका मित्तल, डा. महेश सोम, प्रदीप बुद्धिराजा, रक्षित गर्ग, मोहित ठाकुर, लाखन ठाकुर, हरिओम, माधव, देवांश, सरिता, दिल्ली से दिशा शर्मा, मलखान सैनी, सचिन खटीक, आकाश शर्मा व हिमांशु आदि।

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