22 से बदलेगा मेरठ का मौसम, गरज-चमक के साथ बारिश की आशंका

मौसम विभाग की मानें तो लू और आंधी से राहत मिलने के आसार हैं। 22 से प्री मानसून बारिश की संभावना है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 May 2019 09:00 AM (IST) Updated:Tue, 21 May 2019 09:00 AM (IST)
22 से बदलेगा मेरठ का मौसम, गरज-चमक के साथ बारिश की आशंका
22 से बदलेगा मेरठ का मौसम, गरज-चमक के साथ बारिश की आशंका

मेरठ : मौसम विभाग की मानें तो लू और आंधी से राहत मिलने के आसार हैं। 22 से प्री मानसून बारिश का दौर जोर पकड़ेगा। इस बीच गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा। सोमवार को अधिकतम तापमान में खासी बढ़ोत्तरी हुई और वह 40.8 डिग्री पहुंच गया। यह सामान्य से तीन डिग्री अधिक रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 23.4 डिग्री रहा। दिन में गर्म हवाएं चलीं जिससे गर्मी की मार और बढ़ गई। दोपहर में तो कई बाजारों में सन्नाटा दिखा। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि के डा. यूपी शाही ने बताया कि पश्चिम विक्षोभ के सक्रिय होने से 22 मई से तेज हवाओं और बारिश का सिलसिला आरंभ होगा। जिसके चलते लू और आंधी जैसी घटनाएं कम हो जाएंगी। इसका मतलब यह नहीं कि गर्मी कम होगी गर्मी का दौर जारी रहेगा।

मेरठ में 58 प्रतिशत कम प्री मानसून बारिश

गर्मी अपने पूरे रौ में है और बारिश हो नहीं रही है। मेरठ की स्थिति गंभीर है। मौसम विभाग ने देश व्यापी प्री मानसून बारिश में 22 की कमी होने की बात कही है जबकि मेरठ में यह आंकड़ा 58 प्रतिशत का है। जनपद में मार्च से अब तक हुई बारिश सामान्य की तुलना में 42 प्रतिशत है। लगातार गर्मी से लोग बेहाल हैं। गर्मी के मौसम में होने वाली कृषि के लिए महत्वपूर्ण होती है। वैज्ञानिकों के तापमान अत्यधिक होने से गन्ने जैसी हार्ड क्राप को नुकसान हो रहा है।

प्री मानसून का समय मार्च से मई तक माना जाता है। मार्च में तापमान तो काबू में रहा लेकिन केवल 8.4 एमएम बारिश हुई। अप्रैल के अंतिम सप्ताह में पारा तेजी से चढ़ा और वहीं बारिश ने पूरी तरह निराश किया। मार्च में केवल 3.4 एमएम बारिश हुई है। मई में अब तक 13.2 एमएम बारिश हुई है जिसमें नौ एमएम बारिश दो दिन पहले दस घंटे के अंतराल में हुई। वहीं पारा लगातार 40 के ऊपर बना हुआ है। सोमवार को भी तापमान 40.8 डिग्री रहा। तेज गर्मी से सिंचाई के लिए पानी की मांग बढ़ गई है। भारतीय कृषि प्रणाली संस्थान के वरिष्ठ मौसम कृषि वैज्ञानिक डा. एम शमीम ने बताया कि गन्ना किसानों को अतिरिक्त सिंचाई करनी पड़ेगी। जिससे फसल की लागत बढ़ेगी। वहीं तापमान ज्यादा होने से पौधों का मेंटीनेंस रेसपिरेशन बढ़ जाता है। इससे सीजन में पौधे को विशेष रूप से शुगर केन में जितना ग्रोथ होना चाहिए उतना नहीं होगा। वर्ष 2019 सामान्य बारिश बारिश हुई

मार्च में 16.2 8.4

अप्रैल 13.1 3.4

मई अबतक 30.0 13.2

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