कई तटबंध टूटने से खादर के संपर्क मार्गो पर पहुंचा पानी, लोग परेशान

गंगा में आए उफान से खादर क्षेत्र के जंगल व खेतों में पानी भर गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 10:20 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 10:20 PM (IST)
कई तटबंध टूटने से खादर के संपर्क मार्गो पर पहुंचा पानी, लोग परेशान
कई तटबंध टूटने से खादर के संपर्क मार्गो पर पहुंचा पानी, लोग परेशान

मेरठ,जेएनएन। गंगा में आए उफान से खादर क्षेत्र के जंगल व खेतों में पानी भर गया है। कई स्थानों से टूटे तटबंध से निकले पानी से कई गावों के जंगल लबालब हैं व संपर्क मार्गो पर कई-कई फीट पानी बह रहा है। जिससे लोगों को आने-जाने में भी काफी दिक्कत हो रही है।

शनिवार सुबह भीमगोडा बैराज से छोड़े गए चार लाख क्यूसेक पानी ने खादर क्षेत्र की हालत खराब कर दी है। कई स्थानों से अस्थायी कच्चा तटबंध टूट गया। टूटे तटबंध से निकलने वाले पानी के प्रवाह ने खेतों व जंगल की ओर रुख कर लिया। कई गांवों के पास खेतों में पानी भर गया है। वहीं, गंगा नदी की ओर जाने वाले गांव सिरजेपुर, हंसापुर परसापुर, चामरोद, दबखेड़ी, फतेहपुर प्रेम जाने वाले मार्ग पर भी काफी पानी बह रहा है, जिससे वहां आवाजाही बंद हो गई है। केवल ट्रैक्टर-ट्राली से ही लोग आ-जा रहे हैं।

सिंचाई विभाग व मनरेगा के श्रमिकों ने अस्थायी तटबंध से निकल रहे पानी को रोकने का प्रयास किया, लेकिन तेज कटान के चलते तटबंध नहीं टिक सका। इससे फतेहपुर प्रेम, हरिपुर गांवड़ी, दबखेड़ी, मानपुर, हंसापुर परसापुर, शेरपुर, सिरजेपुर, हादीपुर गांवड़ी, भीकुंड आदि के जंगल में पानी भर गया व बस्ती के समीप तक पहुंच गया है। वहीं दूधली खादर, बस्तौरा, मखदूमपुर, किशोरपुर व जलालपुर गांव के जंगलों से होकर पानी बह रहा है। किसानों का कहना है कि यदि यह पानी खेतों मे रुक गया तो फसलों में काफी नुकसान हो जाएगा।

जलस्तर में आई गिरावट, आज से मिल सकती है राहत

बिजनौर बैराज से गंगा नदी के जलस्तर में गिरावट आई है। रविवार सुबह जलस्तर सवा चार लाख क्यूसेक था, जो शाम को घटकर साढ़े तीन लाख क्यूसेक रह गया है। वहीं, हरिद्वार से भी एक लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज चल रहा है। इससे सोमवार को खादर क्षेत्र में राहत मिलने की उम्मीद है।

मेरठ-बिजनौर मार्ग कटा

मवाना से चांदपुर तहसील को जोड़ने के लिए पुल की ओर जाने वाला मार्ग भी बाधित हो गया है। भीकुंड गांव के समीप बनाई जा रही पुलिया अभी निर्माणाधीन है और उसके समीप से बनाए गए अस्थायी मार्ग पर काफी पानी आ गया है। इससे पुलिस द्वारा भीकुंड तिराहे पर बैरिकेडिंग कराकर वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया है। रविवार को इस मार्ग के बंद हो जाने से सैकड़ों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

तीन स्थानों से टूटा तटबंध

फतेहपुर प्रेम से लगभग एक किमी ऊपर की ओर अस्थायी कच्चा तटबंध टूट गया। नदी के पानी का तेज बहाव टूटे तटबंध से होकर बहने लगा। वहीं फतेहपुर प्रेम के सामने बनाए गए कटाव निरोधक से कुछ दूर आगे की ओर अस्थायी तटबंध भी पानी के सामने नहीं टिक सका। सिरजेपुर के सामने भी पानी तटबंध से ऊपर होकर बहने लगा।

कटाव निरोधक न होते तो भयावह होते हालात

फतेहपुर प्रेम व हंसापुर परसापुर के समीप बनाए गए कटाव निरोधक ने अस्थायी तटबंध को शनिवार देर रात तक रोके रखा, नहीं तो जिस तरह से चार लाख क्यूसेक पानी एक साथ आया था, उससे अस्थायी तटबंध रात्रि में ही ध्वस्त होने की आशंका थी। विधायक दिनेश खटीक ने खादर क्षेत्र में लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से दो कटाव निरोधक स्वीकृत कराए। दोनों कटाव निरोधक पानी के तेज कटान को रोकने मे सहायक सिद्ध हुए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि ये कटाव निरोधक समय रहते तैयार न होते तो स्थिति भयावह हो सकती थी।

विधायक ने किया क्षेत्र का दौरा, हरसंभव मदद का आश्वासन

विधायक दिनेश खटीक ने रविवार को खादर क्षेत्र के कई गांवों का दौरा किया। विधायक ने फतेहपुर प्रेम पहुंचकर सिंचाई विभाग के एसडीओ पंकज जैन व बीडीओ शैलेंद्र सिंह से स्थिति के बारे में जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए। सिचाई विभाग के एसडीओ ने बताया कि तटबंध को रोकने के लिए बिजनौर के रावली से कुछ लोग बुलाए हैं।

ग्रामीणों की मांग, तीन कटाव निरोधक और बनाए जाएं

तटबंध पर मौजूद ग्रामीणों व सिरजेपुर गांव निवासी ब्रजपाल, रणवीर, दीपक, ढाका आदि ने विधायक दिनेश खटीक से तीन और कटाव निरोधक बनवाने की मांग की। जिस पर विधायक ने आश्वासन दिया कि वे सीएम के समक्ष प्रस्ताव रखेंगे और स्वीकृत कराने का प्रयास करेंगे। उन्होंने सिचाई विभाग के इंजीनियरों को प्रस्ताव तैयार करने की बात कही।

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