डेयरी संचालकों को फिर चेतावनी

नगर आयुक्त ने डेयरी संचालकों से दो टूक कहा कि हर हाल में डेयरियों को शहर से बाहर ले जाना ही होगा। नगर निगम शहर में गोबर और गंदगी बहाने वाली डेयरियों को सील करेगा। इसमें अब कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 07:00 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 07:00 PM (IST)
डेयरी संचालकों को फिर चेतावनी
डेयरी संचालकों को फिर चेतावनी

मेरठ, जेएनएन। रविवार को नगर आयुक्त और डेयरी संचालकों के बीच करीब डेढ़ घंटे वार्ता हुई। नगर आयुक्त ने डेयरी संचालकों से दो टूक कहा कि हर हाल में डेयरियों को शहर से बाहर ले जाना ही होगा। नगर निगम शहर में गोबर और गंदगी बहाने वाली डेयरियों को सील करेगा। इसमें अब कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

नगर आयुक्त कैम्प कार्यालय में वार्ता के दौरान डेयरी संचालक प्रवेश त्यागी, मुकुल गुप्ता ने नगर आयुक्त से कहा कि नगर निगम सीमा के बाहर सारे डेयरी संचालक जाने को तैयार हैं। इसके लिए कैटल कालोनी विकसित करने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं। डेयरी संचालकों ने यह भी कहा कि गोबर कलेक्शन की व्यवस्था भी बनाई जा सकती है। इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि कैटल कालोनी बसाने का काम उनका नहीं है। न ही नगर निगम ने किसी को डेयरी चलाने की अनुमति दी है। शहर में डेयरियों का संचालन अवैध रूप से किया जा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश से सभी डेयरी संचालक अवगत हैं। एनजीटी का भी निर्देश है। शहर की सड़क और नालों में गोबर की गंदगी फैलाने की इजाजत किसी को नहीं है। नगर निगम की ओर से इस संबंध में सभी डेयरी संचालकों को नोटिस भी जारी किया जा चुका है। मकबरा डिग्गी और माधवपुरम की डेयरियों पर जुर्माना लगाया जा चुका है। अब नगर निगम डेयरी परिसरों को सील करेगा। बता दें कि हाईकोर्ट के चार जनवरी 2019 के फैसले के बाद से नगर निगम प्रशासन केवल 177 डेयरियों को बाहर कर सका है। शहर में डेढ़ हजार से अधिक डेयरियां हैं। डेढ़ साल से केवल चेतावनी दी जा रही है। शहर को डेयरियों को निजात दिलाने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई।

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