छह करोड़ की गाड़ियां लेकिन बेमतलब, बेमकसद

नगर निगम में शुक्रवार को पुनरीक्षित बजट पर चर्चा के लिए बुलाई गई बोर्ड बैठक में चर्चा की गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Jan 2020 10:00 AM (IST) Updated:Sat, 25 Jan 2020 10:00 AM (IST)
छह करोड़ की गाड़ियां लेकिन बेमतलब, बेमकसद
छह करोड़ की गाड़ियां लेकिन बेमतलब, बेमकसद

मेरठ, जेएनएन : नगर निगम में शुक्रवार को पुनरीक्षित बजट पर चर्चा के लिए बुलाई गई बोर्ड बैठक में कूड़ा निस्तारण को लेकर पार्षदों ने सवाल खड़े किए। कहा कि छह करोड़ की गाड़ियां खरीदने के बाद भी गीले और सूखे कचरे का अलग-अलग कलेक्शन क्यों नहीं हो रहा है। इससे तो इन गाड़ियों का मकसद ही बेमतलब हो गया है। पार्षदों के सवालों पर नगर आयुक्त ने कहा कि मेरठ को स्वच्छ बनाना उनका उद्देश्य है इसीलिए गांवड़ी में बैलेस्टिक सेपरेटर प्लांट स्थापित किया है। गीले-सूखे कचरे के अलग-अलग कलेक्शन के लिए काम शुरू किया जाएगा।

नगर निगम की पुनरीक्षित बजट की बैठक अपराह्न 3.26 बजे शुरू हुई। महापौर सुनीता वर्मा और नगर आयुक्त डा. अरविंद चौरसिया बैठक में पहुंचे। जैसे ही चर्चा शुरू हुई। बैठक में पार्षदों के हंगामे के बीच करीब पौन घंटे में ही 654.38 करोड़ का बजट पास कर दिया गया। बजट के कई बिंदुओं पर चर्चा भी नहीं की गई। बैठक की शुरुआत में ही पार्षद ललित नागदेव ने गांवड़ी स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट पर कचरे के सेग्रीगेशन के संबंध में, प्रतिमाह हो रहे खर्च और कूड़ा कलेक्शन के लिए खरीदी गई कूड़ा गाड़ियों पर हुए खर्च की बात उठाते हुए कई सवाल खड़े किए। कहा कि 130 कूड़ा गाड़ियां छह करोड़ में खरीदी गई हैं। एक साल से अधिक समय बीत गया है। उद्देश्य था कि गीला-सूखा कचरा अलग-अलग लिया जाएगा। लेकिन वर्तमान में एक भी कूड़ा गाड़ी अलग-अलग कचरे का कलेक्शन नहीं कर रही है। गांवड़ी में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने को सात करोड़ 99 लाख रुपये का बजट स्वीकृति है तो 70 लाख रुपये ही अभी तक खर्च किया गया है। बाकी पैसे क्यों नहीं खर्च किए जा रहे हैं। नगर आयुक्त ने इन सवालों का जवाब देते हुए कहा कि गांवड़ी, लोहिया नगर और मंगतपुरम में पहले से लाखों टन कूड़ा डंप है। गांवड़ी में बैलेस्टिक सेपरेटर मशीन लगाने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। एनजीटी ने 24 लाख का जुर्माना किया था। इसे देखते हुए बैलेस्टिक सेपरेटर प्लांट लगाया गया है। प्रतिमाह 4 लाख 42 हजार रुपये खर्च किए जा रहे हैं। 150 टन कचरे का सेग्रीगेशन प्रतिदिन होने का दावा किया। कहा कि तीनों डंपिंग ग्राउंड पर डंप कचरे का निपटारे का प्लान है। शासन को पूरा प्रोजेक्ट भेजा जा चुका है। हाईकोर्ट में भी शपथ पत्र दिया है। नगर आयुक्त ने कहा कि इस प्लांट को उन्होंने अपने मन से नहीं लगाया है। बोर्ड बैठक में पार्षदों ने सहमति दी थी।

------------------- हंगामे के बीच पास कर दिया बजट

पार्षद ललित नागदेव ही काफी देर बोलते रहे और सवाल करते रहे। जिस पर पार्षद पवन चौधरी और संजय सैनी खड़े हो गए। कहा कि एक ही पार्षद सदन में बोलेंगे क्या। इस पर कुछ अन्य पार्षद भी हंगामा करने लगे। इसी बीच पार्षद अब्दुल गफ्फार ने बजट पास का पोस्टर लहरा दिया। यह देखते ही बड़ी संख्या में पार्षद डायस के करीब आ गए। पोस्टर में पार्षद ने लिखा था कि हमारे प्रस्ताव सुनो, बराबर सफाई मित्र करो। कब होगा अमल। भाजपा पार्षद दल के नेता विपिन जिंदल ने कूड़ा निस्तारण प्लांट के सवालों का पर्चा लहराया। फिर क्या था, महापौर और नगर आयुक्त ने भी वर्ष 2019-20 का पुनरीक्षित बजट 654.38 करोड़ पास कर दिया। बजट के कई बिंदुओं पर चर्चा भी नहीं हुई।

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इनसेट..

डायस पर नहीं थी कुर्सी, सदन से लौटीं अपर नगर आयुक्त

पुनरीक्षित बजट की बैठक चल रही थी। करीब 10 मिनट बाद अपर नगर आयुक्त श्रद्धा शंाडिल्यायन तिलकहाल में पहुंचती हैं। डायस पर उस वक्त महापौर सुनीता वर्मा, नगर आयुक्त डा. अरविंद चौरसिया, सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह और मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी संतोष कुमार शर्मा मौजूद थे। अपर नगर आयुक्त के लिए डायस पर कोई खाली कुर्सी नहीं थी। उनके पहुंचने पर अधीनस्थ अधिकारी भी नहीं उठे। यह देख जब तक नगर निगम कर्मचारी कुर्सी लेकर आते, वह सदन से बाहर चली गई। कुछ देर बाद नगर आयुक्त डा. अरविंद चौरसिया सदन से बाहर गए, लेकिन वह गाड़ी में बैठ चुकी थीं। इस दौरान सदन की कार्रवाई कुछ देर के लिए रुक गई। करीब आधे घंटे बाद अपर नगर आयुक्त वापस सदन में आई। उनके आने से पहले नगर आयुक्त के समीप उनकी कुर्सी डाली गई। हालांकि इस मामले में अपर नगर आयुक्त श्रद्धा शांडिल्यायन का कहना है कि वे किसी काम से बाहर गई थीं। नाराजगी जैसा कुछ नहीं था।

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