यूपी : सहारनपुर में पीड़िता को 14 साल बाद मिला इंसाफ, दुराचार के आरोपित को पहुंचाया सलाखों के पीछे

सहारनपुर में दुराचार के मामले में आखिरकार भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता रहे राशिद अंसारी को अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय ने दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास तथा एक लाख के अर्थदंड की सजा सुनाई है। पीड़िता को अब इंसाफ मिला है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 07:00 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 07:00 PM (IST)
यूपी : सहारनपुर में पीड़िता को 14 साल बाद मिला इंसाफ, दुराचार के आरोपित को पहुंचाया सलाखों के पीछे
सहारनपुर में दुराचार की पीड़िता सिर्फ पुलिस के भरोसे रहती तो ना होती रिपोर्ट दर्ज।

सहारनपुर, जेएनएन। सहारनपुर में 14 साल पुराने नाबालिग लड़की के अपहरण और दुराचार के मामले में आखिरकार भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता रहे राशिद अंसारी को अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय मध मधु डोगरा ने दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास तथा एक लाख के अर्थदंड की सजा सुनाई है। वसूले गए अर्थदंड से आधा हिस्सा पीड़िता को बतौर प्रतिकर दिया जाएगा। यह प्रकरण वर्ष 2007 का है।

यह था मामला

थाना कुतुबशेर अंतर्गत एक कॉलोनी निवासी पीड़िता ने लंबी जद्दोजहद के बाद चार जुलाई 2017 को अपहरण दुराचार के आरोप में राशिद अंसारी, गफूर, मकबूल व पिस्सु के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। पीड़िता का कहना था की 15 जुलाई 2007 को वह घर पर अकेली थी मोहल्ले का राशिद अंसारी घर आया और कहने लगा कि तुम्हारे पिता का एक्सीडेंट हो गया है यह कहकर उसने पीड़िता को गाड़ी में बिठा लिया इस गाड़ी में पहले से ही गफ्फूर मकबूल बुक बैठे थे यह चारों पीड़िता को अज्ञात स्थान पर ले गए और 2 दिन तक राशिद ने ऊर्जा के साथ दुराचार किया इसके बाद पीड़िता को काजीपुरा लाया गया यहां भी राशिद ने उसके साथ दुराचार किया अगले दिन गाड़ी में बिठा कर पीड़िता को बड़ी नहर के पास छोड़कर चारों भाग खड़े हुए।

पुलिस ने नहीं की थी रिपोर्ट दर्ज

मामले की पीड़िता ने अदालत को बताया कि घटना के बाद उसने थाने से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक से न्याय की गुहार लगायी लेकिन किसी ने उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। बाद में अदालत के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। यही नहीं विवेचना के बाद भी अदालत में आरोपितों से मिलकर पुलिस ने झूठी फाइनल रिपोर्ट पेश की। न्याय के लिए अडिग रही पीड़िता ने अदालत में अंतिम आख्या को चुनौती दी। इस पर 12 अगस्त 2010 को अदालत ने चारों आरोपियों को तलब कर लिया।

चार साल पहले हुई थी तीन को सजा

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता सतीश सैनी ने बताया कि शादी के लिए नाबालिग लड़की के अपहरण और दुराचार के इस मामले में 2 दिसंबर 2017 को गफूर मकबूल व पिस्सु को अदालत सजा सुना चुकी है। उस समय मामले का चौथा आरोपित राशिद अंसारी फरार हो गया था। राशिद अंसारी की पत्रावली अलग कर दी गई। 2018 में गिरफ्तार हुए राशिद अंसारी को मंगलवार को न्यायाधीश मधु डोगरा ने धारा 363 व 368 में सात-सात साल कैद व 25-25 हजार जुर्माना धारा 366 व 376 में 10-10 साल कैद व 25-25 जुर्माना की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्त को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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