UP Religious Conversion: पश्चिमी यूपी में गहराती जा रहीं मतांतरण की जड़ें, PFI व ISI जैसे संगठन करते हैं फंडिंग

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी दोनों संगठन PFI व ISI पूरी तरह से सक्रिय हैं। यही कारण है कि मेरठ और आसपास के जनपदों में मतांतरण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर मतांतरण कराया जाता है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 12:44 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 12:44 PM (IST)
UP Religious Conversion: पश्चिमी यूपी में गहराती जा रहीं मतांतरण की जड़ें, PFI व ISI जैसे संगठन करते हैं फंडिंग
पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में मंतातरण की जड़े गहराती जा रही हैं।

जागरण संवाददाता, मेरठ। चेहरा वहीं हैं, पर हर बार किरदार बदल जाते हैं। मतांतरण हो या सीएए को लेकर हुई हिंसा। सभी की शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होती है। इसके लिए फंडिंग करने के आरोप भी पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) और पाकिस्तान की इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस (आइएसआइ) जैसे संगठनों पर यदा-कदा लगते रहे हैं। लखनऊ में मतांतरण के पर्दाफाश में भी आइएसआइ पर ही फंडिंग करने का आरोप लगा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी दोनों संगठन पूरी तरह से सक्रिय हैं। यही कारण है कि मेरठ और आसपास के जनपदों में मतांतरण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर मतांतरण कराया जाता है। विरोध करने पर युवतियों की हत्या तक कर दी जाती है। इनके मंसूबों के सामने खुफिया विभाग भी बौना साबित हो रहा है। ऐसे में खुफिया अलर्ट से काम नहीं चलेगा, बल्कि प्रशासन स्तर पर प्लानिंग करने के बाद इनकी जड़ें उखाड़नी होगीं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सीएए का विरोध करने को लेकर हुई हिंसा में भी पीएफआइ और आइएसआइ संगठनों के नाम सामने आए थे। 2014 में खरखौदा में मदरसे के अंदर युवती से मतांतरण कराने के बाद सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला सामने आया था। उस समय आइएसआइ पर ही फंडिंग करने के आरोप लगे थे। यह मामला राष्ट्रीय स्तर तक गूंजा था। उसमें मतांतरण से लेकर सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा भी दर्ज हुआ था। हाल की बात करें तो परतापुर के भूडबराल में नाम बदलकर मोदीनगर की ब्यूटी पार्लर संचालिका को प्रेमजाल में फंसाया। मतांतरण का विरोध करने पर महिला और उसकी बेटी की हत्या कर बेडरूम में दबा दिया था। पुलिस ने मकान पर बुलडोजर चलाकर दोनों के शव निकाले थे। उसके अलावा लुधियाना की युवती को प्रेमजाल में फंसाकर दौराला क्षेत्र में लाया गया था। युवती ने मतांतरण का विरोध किया तो पूरे परिवार ने मिलकर उसकी हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने पूरे परिवार को जेल भेजा था। उसके अलावा भी कंकरखेड़ा में नाम बदलकर मतांतरण का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। मेरठ के अलावा मुजफ्फरनगर के हमीरपुर में दो सहेलियों को बहला फुसलाकर मतांतरण करा कर निकाह करा दिया गया। बुलंदशहर में भी एक प्रकरण सामने आ चुका है। यानि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मतांतरण की जड़ें गहरी हो चुकी हैं। उन्हें उखाड़ने के लिए फंडिंग करने वाले संगठनों पर कार्रवाई करनी होगी। मेरठ में तो पीएफआइ ने पैर परसाते हुए नौचंदी थाना क्षेत्र में आफिस भी खोल लिया था। हालांकि पुलिस की कार्रवाई के बाद आफिस बंद हो गया था।

एडीजी जोन राजीव सभरवाल ने कहा: वेस्ट यूपी में मतांतरण पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। सभी जनपदों के कप्तानों को आदेश दिए जा चुके हैं। मतांतरण के लिए फंडिंग करने वाले संगठनों की भी पड़ताल की जा रही है। इसके लिए खुफिया विभाग पूरी तरह से अलर्ट पर है। साथ ही पुराने मुकदमों में सजा दिलाने के लिए पुलिस को अपने स्तर से पैरवी करने के निर्देश दिए गए है।

ये मामले चर्चा में आए: फरवरी 2021 को नौचंदी थाना क्षेत्र में कक्षा 12 की छात्र को ट्यूशन टीचर ने दिल्ली ले जाकर मतांतरण करा दिया था। सामाजिक संगठनों द्वारा मामला उठाने के बाद आरोपित को पकड़कर युवती को बरामद कर लिया था। अमरोहा की युवती को परीक्षितगढ़ के इकला रसूलपुर गांव में किराए का मकान लेकर रखा था। जबरन मतांतरण कराया गया था। पुलिस ने आरोपित को पकड़ने के बाद युवती को परिवार के हवाले कर दिया था। 19 जनवरी को पुलिस ने मवाना से आफताब को गिरफ्तार किया था, जो बलरामपुर और बस्ती को दो युवतियों को मतांतरण कराने के लिए लाया था। एक सप्ताह तक दोनों को किराए के मकान में बंधक बनाकर रखा था। उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा भी दिया गया था। 

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