UP Panchayat Chunav 2021: मेरठ में प्रत्याशियों के अंधाधुंध खर्च पर प्रशासन की नजर, विशेष टीमें तैनात

UP Panchayat Chunav 2021 पंचायत चुनाव की प्रक्रिया के तहत रविवार को चुनाव चिन्ह मिलते ही सभी पदों के प्रत्याशियों ने ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार शुरू कर दिया साथ ही अंधाधुंध खर्च की शिकायतें भी मुख्यालय पर पहुंचने लगी हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 10:04 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 10:04 AM (IST)
UP Panchayat Chunav 2021: मेरठ में प्रत्याशियों के अंधाधुंध खर्च पर प्रशासन की नजर, विशेष टीमें तैनात
पंचायत चुनाव में प्रत्‍याशियों पर नजर रखने के लिए टीम तैनात।

मेरठ, जेएनएन। पंचायत चुनाव की प्रक्रिया के तहत रविवार को चुनाव चिन्ह मिलते ही सभी पदों के प्रत्याशियों ने ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार शुरू कर दिया साथ ही अंधाधुंध खर्च की शिकायतें भी मुख्यालय पर पहुंचने लगी हैं। प्रत्याशियों के खर्च की निगरानी के लिए जिला स्तर से सभी 12 ब्लाकों पर विशेष टीमें तैनात की गई हैं। जो कि गोपनीय तरीके से प्रत्येक प्रत्याशी के एक एक रुपये के खर्च को नोट करेंगी।

प्रसासन का कहना है कि सीमा से अधिक व्यय करने वाले प्रत्याशी को चुनाव लड़ने से अयोग्य भी करार दिया जा सकता है। वहीं सोमवार को पूर्व प्रशिक्षण के दौरान अनुपस्थित रहने वाले मतदान कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया था। लेकिन आज भी 200 में से मात्र 20 कर्मचारी ही प्रशिक्षण लेने पहुंचे। बाकि को फिर से फोन करके मंगलवार को ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया है। आज भी प्रशिक्षण न लेने वाले कर्मचारियों का अप्रैल महीने का वेतन रोकने तथा अन्य कार्रवाई करने की घोषणा कार्मिक प्रभारी सीडीओ ने की है।

अंधाधुंध खर्च कर रहे प्रत्याशी: चुनाव चिह्न् मिलते ही रविवार की रात से ही प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए। जिला प्रशासन के पास शिकायतें पहुंच रही हैं कि ये प्रत्याशी चुनाव खर्च की सीमा को भूल दावत, उपहार और प्रचार में जमकर पैसा उड़ा रहे हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त सुभाष चंद्र प्रजापति ने बताया कि प्रत्याशियों के इस खर्च पर निगरानी के लिए सभी ब्लाक मुख्यालयों पर ट्रेजरी से लेखाधिकारियों की टीमें तैनात की गई हैं। जो कि प्रत्येक प्रत्याशी के छोटे से छोटे खर्च को भी दर्ज कर रही हैं। सीमा से अधिक पैसा खर्च करने वाले प्रत्याशियों को चुनाव के अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है।

गैरहाजिर नहीं हुए हाजिर: मतदान के लिए पोलिंग पार्टियों में शामिल कर्मियों की 9 से 12 अप्रैल तक ट्रेनिंग कराई गई थी। लेकिन उसमें लगभग 500 कर्मचारी अनुपस्थित रहे थे।जांच की गई तो इनमें ट्रांसफर तथा सेवानिवृत हो चुके कर्मियों के नाम शामिल थे। इनके साथ साथ बीमार तथा मेडिकल बोर्ड द्वारा अनफिट करार दिए गए कर्मियों के नाम भी हटा दिए गए। जिसके बाद 200 कर्मचारी गैरहाजिर की सूची में रह गए थे। इन सभी को प्रशिक्षण के लिए अंतिम मौका दिया गया। सोमवार को दोपहर दो बजे से एसडी इंटर कालेज सदर में प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया। लेकिन 200 में से मात्र 20 कर्मचारी ही पहुंचे। पंचायत चुनाव के प्रभारी कार्मिक सीडीओ शशांक चौधरी ने बताया कि बाकि सभी को फोन कराया गया है। इन्हें मंगलवार को ट्रेनिंग करने का मौका दिया गया है। आज जो कर्मचारी अनुपस्थित रहेंगे उनका अप्रैल महीने का वेतन रोककर विभागीय और कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

कोरोना का कहर, रिजर्व सेक्टर मजिस्ट्रेटों की ट्रेनिंग: कोरोना संक्रमण के फैलाव ने कई सेक्टर मजिस्ट्रेट को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इस स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने आपात स्थिति के लिए एक अतिरिक्त टीम तैयार कर ली है। 

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