यूपी : मेरठ में व्यापारी ने बेटी की हत्या कर पत्नी और खुद को किया लहूलुहान, अवसाद में था

मेरठ में बुधवार का एक वारदात ने झकझोर कर रख दिया। अवसाद में चल रहे एक युवक ने पत्नी और बेटी पर छुरी से वार कर खुद को भी लहूलुहान कर दिया। बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दंपती को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 11:50 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 11:50 PM (IST)
यूपी : मेरठ में व्यापारी ने बेटी की हत्या कर पत्नी और खुद को किया लहूलुहान, अवसाद में था
लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के इस्लामाबाद का मामला, पुलिस ने शव पोस्‍टमार्टम के लिए भेजा।

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ में एक बेहद ही सनसनीखेज वारदात में अवसाद में चल रहे एक युवक ने बुधवार को पत्नी और बेटी पर छुरी से वार कर खुद को भी लहूलुहान कर दिया। बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दंपती को गंभीर हालत में आनंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, सूचना के बाद भी शहर विधायक के नहीं पहुंचने पर लोगों में रोष है।

लंबे समय से बंद थी फैक्ट्री

लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के इस्लामाबाद निवासी जुनेद कपड़ा व्यापारी हैं। उन्होंने घर के पास ही पावरलूम की फैक्ट्री लगा रखी है। लाकडाउन की वजह से काम मंदा चल रहा है, जिसके चलते फैक्ट्री का बिजली का बिल भी जमा नहीं हो पा रहा, इसलिए काफी समय से फैक्ट्री बंद है। स्वजन ने बताया कि जुनेद काफी समय से अवसाद में है, जिसके चलते उसका इलाज चल रहा है। बुधवार को सभी लोग त्योहार मना रहे थे, तभी तीसरी मंजिल पर से चीखने-चिल्लाने की आवाज आने लगी। स्वजन और आसपास के लोग पहुंचे तो सात साल की बच्ची जरनेन, पत्नी रेशमा और व्यापारी लहूलुहान स्थिति में जमीन पर पड़े थे।

दंपती का चल रहा उपचार

आनन-फानन में सभी को पहले नजदीक के हास्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद घायल दंपती को गढ़ रोड स्थित आनंद अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। सूचना पर सीओ अरङ्क्षवद चौरसिया भी पहुंच गए थे। उन्होंने स्वजन को समझा-बुझाकर बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। उन्होंने बताया कि जुनेद अवसाद में चल रहा था, जिसके चलते ही उसने आत्मघाती कदम उठाया था। दंपती का उपचार चल रहा है।

दो बच्चे नानी के थे, इसलिए बच गए

जुनेद के तीन बच्चे थे। 10 साल की जुलकर नेन, सात साल की जरनेन और सबसे छोटा बेटा आरिज है। बुधवार सुबह ईद के चलते ही बच्चों का मामा घर आया था और जुलकर नेन और आरिज को अपने साथ ले गया था। स्वजन का कहना था कि यदि दोनों बच्चे नानी के घर नहीं जाते तो उनकी भी जान को खतरा हो सकता था। मामले की जानकारी पर वह भी घर पहुंच गए थे।

खाना-पीना छोड़ रखा था

जुनेद के बड़े भाई हसनेन ने बताया कि वह काफी समय से अवसाद में था। इलाज से भी ज्यादा लाभ नहीं मिल रहा था। कुछ समय से तो उसने खाना-पीना भी छोड़ रखा था। अन्य स्वजन भी उसे लगातार समझा रहे थे, लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा था। बुधवार को किसी को ऐसी उम्मीद भी नहीं थी। पहले कभी भी ऐसी कोई घटना करने की कोशिश भी नहीं की थी।

हर तरफ खून ही खून था

बड़े भाई जावेद ने बताया कि एक ही घर में तीनों भाई रहते हैं। नीचे बड़ा भाई हसनेन और फिर जावेद और सबसे उपर जुनेद रहता है। चीख-पुकार के बाद जब स्वजन और घर के सामने रहने वाले पार्षद आसिफ अंसारी पहुंचे तो हर तरह खून ही खून बिखरा हुआ था। जीने पर भी खून था। इस दौरान बड़ा भाई हसनेन बेहोश भी हो गया था, जिसे काफी देर बाद होश आया।

त्योहार की खुशी मातम में बदली

बुधवार को सभी ईद के त्योहार की खुशी मना रहे थे। एक दूसरे के घर मेहमानों का आना-जाना हो रहा था। हसनेन ने बताया कि सुबह तीनों भाइयों ने साथ ही नमाज पढ़ी थी। बच्चे भी साथ में ही थे। परिवार के सभी लोग खुश थे, लेकिन दोपहर बाद सब कुछ बदल गया। भाई के जानलेवा कदम ने मातम फैला दिया। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है।

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