यूपी : मुजफ्फरनगर में कपड़े उतारने को मजबूर की गईं छात्राओं को मिले 25-25 हजार, पढ़ें-क्‍या था पूरा प्रकरण

मुजफ्फरनगर में 2017 को खतौली के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की तत्कालीन वार्डन सुरेखा पंवार पर तीन छात्राओं के कपड़े उतरवाने का आरोप लगा था। इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच तत्कालीन एसडीएम सदर रेणु सिंह ने की थी। यह प्रकरण चर्चाओं में रहा था।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 05:00 AM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 05:00 AM (IST)
यूपी : मुजफ्फरनगर में कपड़े उतारने को मजबूर की गईं छात्राओं को मिले 25-25 हजार, पढ़ें-क्‍या था पूरा प्रकरण
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश पर शासन ने दी धनराशि।

राशिद अली, मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय खतौली में वार्डन द्वारा कपड़े उतारने को मजबूर की गईं छात्राओं के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अंतरिम राहत के रूप में 70 छात्राओं को 25-25 हजार रुपये प्रदान करने के आदेश दिए हैं। प्रदेश शासन की संस्तुति पर बेसिक शिक्षा विभाग ने 63 छात्राओं को यह राशि दे दी है। पांच को धनराशि आवंटित की जा रही है, जबकि दो छात्राएं नहीं मिल पा रही हैं।

सात की संविदा हुई थी खत्‍म

25 मार्च 2017 को खतौली के मुबारिकपुर तिगाई स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की तत्कालीन वार्डन सुरेखा पंवार पर तीन छात्राओं के कपड़े उतरवाने का आरोप लगा था। जिसकी मजिस्ट्रेट जांच तत्कालीन एसडीएम सदर रेणु सिंह ने की थी। डीएम को सौंपी जांच रिपोर्ट में वार्डन को विद्यालय की छात्राओं के कपड़े उतरवाने का दोषी ठहराते हुए वार्डन सहित समस्त विद्यालय स्टाफ की संविदा समाप्त करने की संस्तुति की थी। वार्डन समेत सभी सात की संविदा समाप्त कर दी गई थी।

जांच में यह सामने आया था

मजिस्ट्रेट जांच में सामने आया था कि मासिक धर्म के चलते आवासीय विद्यालय की कुछ छात्राओं से शौचालय गंदा हो गया था। वार्डन ने इस बारे में छात्राओं से पूछा तो किसी ने कुछ नहीं बताया। उसके बाद उन्होंने कुछ छात्राओं से तीन छात्राओं के कपड़े उतरवाकर पुष्टि करनी चाही थी।

तत्कालीन वार्डन के विरुद्ध दर्ज हुआ था मुकदमा

घटना के बाद वार्डन सुरेखा पंवार के विरुद्ध थाना खतौली में छात्राओं से मारपीट (आइपीसी की धारा 323) तथा लज्जा का अनादर (आइपीसी की धारा 509) करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। विवेचना कर पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। सुनवाई सीजेएम न्यायालय में चल रही है।

आयोग ने मानी थी छात्राओं के स्वाभिमान पर चोट

समाचार पत्रों में खबरें आने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। सुनवाई करते हुए आयोग ने माना था कि कपड़े उतारने को मजबूर कर छात्राओं का मानसिक उत्पीडऩ किया गया। इससे उनके स्वाभिमान पर भी चोट पहुंची। जिसके चलते केजीबी की सभी 70 छात्राओं को अंतरिम राहत के तौर पर 25-25 हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया। शासन की संस्तुति पर बेसिक शिक्षा विभाग ने 63 छात्राओं के बैंक खातों में धनराशि आवंटित कर दी। दो छात्राओं की जानकारी नहीं मिल सकी, जबकि पांच के खातों में धनराशि ट्रांसफर करने की तैयारी है।

इनका कहना है

शासन के आदेश पर छात्राओं के खातों में 25-25 हजार की धनराशि आवंटित कर दी गई है। बची छात्राओं को भी अंतरिम राहत राशि प्रदान की जा रही है।

- मायाराम, बीएसए, मुजफ्फरनगर।

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