यूपी: आज सहारनपुर में डिप्टी सीएम का दौरा, 809 करोड़ की 288 परियोजनाओं की देंगे सौगात
Keshav Prasad Maurya visit Sharanpur उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आज सहारनपुर आ रहे हैं। इस दौरान वह 809 करोड़ रुपयों की लागत वाली 288 परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करेंगे। उप मुख्यमंत्री का शाकंभरी देवी जाने का कार्यक्रम निरस्त हो गया है।
जागरण संवाददाता, सहारनपुर। Keshav Prasad Maurya visit Sharanpur उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आज सहारनपुर आ रहे हैं। इस दौरान वह 809 करोड़ रुपयों की लागत वाली 288 परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण करेंगे। उप मुख्यमंत्री का पहले शाकंभरी देवी जाने का कार्यक्रम था, जो अब निरस्त हो गया है। अब वे नानौता में स्वर्गीय राज्यमंत्री विजय कश्यप के निवास पर जाएंगे। उप मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर तैयारियां पूरे जोरों पर रहीं। सर्किट हाउस परिसर में बड़ा पंडाल लगाया गया है, जिसमें योजनाओं के शिलापट रखे जाएंगे और इसमें ही बैठने की व्यवस्था की गई है। उप मुख्यमंत्री के दौरे से किसान व आम शहरवासियों को भी उम्मीदें हैं कि शायद वह उनकी समस्याओं को समझकर उनका निस्तारण करा सकें।
इनका होगा लोकार्पण व शिलान्यास: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जनपद की जिन 288 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। उनमें 335.964 किलोमीटर लंबाई में स्वीकृत 126 कार्य, जिनकी स्वीकृत लागत 6455.50 लाख रुपये है। 59249.50 लाख रुपये की लागत से 487.466 किलोमीटर लंबाई में 137 नए मार्ग कार्यों का शिलान्यास करेंगे।
गन्ना किसानों की भी सुनिए: उप मुख्यमंत्री मौर्य के सहारनपुर दौरे को लेकर गन्ना किसानों एवं शहर के आम नागरिकों को भी उम्मीद जगी है। किसानों का मानना है कि विधानसभा चुनाव को ध्यान में रख उप मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में बकाया गन्ना भुगतान की स्थिति पर अधिकारियों को निर्देशित करेंगे। जनपद की चीनी मिलों पर पेराई सत्र 2020-2021 का करीब 500 करोड़ रुपये बकाया है।
सड़कों से परेशान शहरवासी: उप-मुख्यमंत्री के साथ-साथ केशव प्रसाद मौर्य के पास लोक निर्माण विभाग भी है। इसके बावजूद शहर की कोई सड़क ऐसी नहीं है जो ठीक है। लोग चलने के लिए गली-मोहल्लों के रास्तों का सहारा ले रहे हैं। शहरवासी इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि शायद शहर के बारे में भी डिप्टी सीएम अधिकारियों को निर्देशित कर निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा कराने के निर्देश देंगे।
मेडिकल कालेज में तो सुविधा दें: कोरोनाकाल में मेडिकल कालेज की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस हुई। मगर यहां मरीजों को भर्ती होने से ज्यादा कोई लाभ नहीं मिल सका। बसपा शासन काल में बनाए गए मेडिकल कालेज को चालू हुए भी 9 साल हो गए हैं। मगर अभी भी यहां मेडिकल कालेज जैसी सुविधा नहीं।