UP Assembly Election 2022: चुनाव से पहले गरमाने लगी पंजाबी राजनीति, मौके के इंतजार में दल

पंजाबी राजनीति में एक बार फिर गरमाहट है। सत्तासीन भाजपा पर पंजाबी वर्ग को तवज्जो देने का सर्वाधिक दबाव है जबकि अन्य दल भी मौके की नजाकत को भांपते हुए पंजाबी समुदाय पर डोरा डाल सकते हैं। रमेश ढींगरा के कांग्रेस छोड़ने के बाद सियासत में नई चर्चा छिड़ी है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 01:56 PM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 05:50 PM (IST)
UP Assembly Election 2022: चुनाव से पहले गरमाने लगी पंजाबी राजनीति, मौके के इंतजार में दल
पंजाबी राजनीति को लेकर गरमाहट तेज ।

जागरण संवाददाता, मेरठ। जनपद की पंजाबी राजनीति में एक बार फिर गरमाहट है। सत्तासीन भाजपा पर पंजाबी वर्ग को तवज्जो देने का सर्वाधिक दबाव है, जबकि अन्य दल भी मौके की नजाकत को भांपते हुए पंजाबी समुदाय पर डोरा डाल सकते हैं। रमेश ढींगरा के कांग्रेस छोड़ने के बाद सियासत में नई चर्चा छिड़ी है। उधर, पंजाबी समुदाय ने भाजपा प्रदेश इकाई से एक विधानसभा सीट पर टिकट की मांग रखी है।

संगठन में भी हाशिए पर..

पंजाबी समुदाय का दावा है कि मेरठ में उनकी आबादी डेढ़ लाख से ज्यादा है, जो कैंट, शहर एवं दक्षिण विस क्षेत्र में पार्टियों के लिए मजबूत वोट बैंक है। यह वोटर भाजपा से जुड़ा माना जा रहा है। भाजपा में पंजाबी राजनीति की शुरुआत जनसंघ के टिकट पर मेरठ के पहले विधायक चुने गए मोहनलाल कपूर से मानी जाती है, लेकिन बाद में उनकी राजनीति आगे नहीं जा सकी। सतीश जग्गी एवं केएल आनंद भाजपा के महानगर अध्यक्ष रह चुके हैं, वहीं हरिकांत अहलूवालिया 2012 से 2017 तक महापौर रहे, लेकिन इसके बाद पार्टी में हाशिए पर चले गए।

बसपा ने तो दो बार लड़ाया

2014, 2017 एवं 2019 के चुनावों में पार्टी ने पश्चिमी उप्र में टिकट को लेकर पंजाबी चेहरों को खास तवज्जो नहीं दी। संगठन में भी उन्हें मजबूती नहीं मिली, वहीं 2012 विस चुनावों में बसपा कैंट से पंजाबी चेहरा सुनील वाधवा को टिकट देकर पंजाबी बिरादरी का वोट हासिल करने में काफी हद तक सफल रही। वाधवा ने भाजपा प्रत्याशी सत्यप्रकाश अग्रवाल को कड़ी टक्कर दी और महज तीन हजार वोटों से हारे।

बूथ मैनेजमेंट से मिलेगी जीत: सुरेंद्र

भाजपा महानगर इकाई की ओर से रविवार को दिल्ली रोड स्थित प्रेम ग्रीन मंडप में शहर विस का प्रबुद्ध सम्मेलन आयोजित किया गया। राज्यसभा सदस्य प प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र नागर मुख्य वक्ता रहे। कहा कि प्रबुद्धजनों के बीच संपर्क अभियान से पार्टी मजबूत होगी। साथ ही बूथ मैनेजमेंट के जरिए आगामी विस चुनावों में प्रचंड जीत हासिल की जाएगी। वहीं, आगामी 16 या 17 तारीख को दक्षिण विस के प्रबुद्ध सम्मेलन में प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हो सकते हैं। नागर ने कहा कि पार्टी ने एक-एक बूथ जीतने की रणनीति बनाई है। बूथ समितियों का सत्यापन पूर्ण हो चुका है। इस मौके पर महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल, शहर विधासभा प्रभारी सुमन त्यागी, प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के संयोजक गौरव पाठक, सह संयोजक अमरेश वशिष्ठ सहित व मीडिया प्रभारी अमित शर्मा समेत कई अन्य शामिल हुए। 

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