केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्‍तार : टीम मोदी में जगह बना सकते हैं पश्चिम यूपी के चेहरे, कैराना सांसद प्रदीप चौधरी का नाम आगे

पश्चिमी उप्र की राजनीति में जाट और गुर्जर समीकरण की बड़ी अहमियत है। मोदी एवं योगी मंत्रिमंडल संगठन और पंचायत चुनावों पर नजर डालें तो जाटों को ज्यादा तवज्जो मिली है। 2014 से गुर्जर वोट पूरी तरह भाजपा के साथ जुड़ा है। ऐसे में महत्‍व बढ़ जाता है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Wed, 07 Jul 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 07 Jul 2021 06:30 AM (IST)
केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्‍तार : टीम मोदी में जगह बना सकते हैं पश्चिम यूपी के चेहरे, कैराना सांसद प्रदीप चौधरी का नाम आगे
गुर्जरों को साधने की चर्चा -डा. बालियान का बढ़ सकता है कद, कई ने दिल्ली में डाला डेरा।

संतोष शुक्ल, मेरठ। केंद्रीय मंत्रिमंडल में नए चेहरों को लेकर पश्चिमी उप्र में भी उम्मीदों का पारा चढ़ा हुआ है। 2022 विस चुनावों से पहले जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को नए सिरे से साधने में जुटी भाजपा कई चौंकाने वाले नामों पर मुहर लगा सकती है। मोदी सरकार में शामिल होने वाले संभावित चेहरों की कुंडली खंगाली गई है। पश्चिम उप्र से केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान का कद बढ़ाने के साथ ही एक गुर्जर चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा है। वैश्य समुदाय के प्रतिनिधित्व की बात आती है तो मेरठ से तीन बार से सांसद राजेंद्र अग्रवाल की दावेदारी बन सकती है। वहीं, मुरादाबाद लोकसभा को गोद लेकर पिछले एक साल से सक्रिय राज्यसभा सदस्य जफर इकबाल को भी पार्टी मंत्री बना सकती है।

भाकियू की सक्रियता

पश्चिमी उप्र में भारतीय किसान यूनियन की सक्रियता ज्यादा है, वहीं पंचायत चुनावों में राष्ट्रीय लोकदल के साथ किसानों के बढ़ते रिश्ते को लेकर भाजपा में बेचैनी है। ऐसे में मोदी मंत्रिमंडल में शामिल मुजफ्फरनगर के सांसद डा. संजीव बालियान का कद बढ़ाकर जाटों को रिझाया जा सकता है। पिछली सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे बागपत सांसद डा. सत्यपाल सिंह भी रेस में हैं। दोनों जाट नेता पड़ोसी जिलों के सांसद हैं। ऐसे में दिक्कत तो है, लेकिन 2022 विस चुनावों को देखते हुए पार्टी कोई भी बड़ा प्रयोग कर सकती है। हालांकि राजस्थान से एक जाट चेहरे को मंत्रिमंडल में लेने की चर्चा के साथ सत्यपाल सिंह की उम्मीदों पर असर पड़ सकता है।

गुर्जर चेहरे का बड़ा दावा

पश्चिमी उप्र की राजनीति में जाट और गुर्जर समीकरण की बड़ी अहमियत है। मोदी एवं योगी मंत्रिमंडल, संगठन और पंचायत चुनावों पर नजर डालें तो जाटों को ज्यादा तवज्जो मिली है। 2014 से गुर्जर वोट पूरी तरह भाजपा के साथ जुड़ा है, ऐसे में पार्टी कैराना सांसद प्रदीप चौधरी पर दांव खेल सकती है। पिछले सप्ताह प्रदीप की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात को खास नजरिए से देखा जा रहा है। केंद्र सरकार में फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर टीम मोदी में गुर्जर चेहरा हैं, लेकिन पश्चिमी उप्र के गुर्जरों में कैराना सांसद प्रदीप चौधरी और राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर का ज्यादा असर है, जिस पर पार्टी उन्हें तवज्जो दे सकती है।

लक्ष्मीकांत और जफर पर भी नजर

मोदी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार में उत्तर प्रदेश से चार से पांच नाम शामिल किए जा सकते हैं। इस बहाने पार्टी जातीय एवं क्षेत्रीय समीकरण साधेगी। पार्टी एक ब्राह्मण चेहरे को टीम मोदी में शामिल करेगी। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत को गत दिनों लखनऊ बुलाया गया था। कई राज्यों में नए राज्यपाल बनाए गए, जिसमें उन्हें शामिल नहीं किया गया। प्रदेशभर में पहचान रखने वाले बाजपेयी पर दिल्ली की नजर बनी हुई है। उधर, किसान आंदोलन का केंद्र पश्चिमी उप्र को साधने के लिए भाजपा में कई स्तरों पर मंथन किया गया। गत दिनों राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने लखनऊ में बैठक कर पूरे सूबे का मिजाज परखा। मोदी मंत्रिमंडल में यूपी के दावेदारों की कुंडली खंगाली गई। राज्यसभा सदस्य व दलित चेहरा कांता कर्दम भी दावेदार हैं।

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