एक नंबर की दो गाड़ी.. एक मेरठ का कैंटर, दूसरी लखनऊ की डस्टर

एक रजिस्ट्रेशन नंबर की दो गाड़ी की सूचना पर कंकरखेड़ा पुलिस को भी चौंका दिया। यूपी-32 एलएन-7657 नंबर का एक कैंटर कंकरखेड़ा क्षेत्र में है जबकि इसी नंबर की डस्टर गाड़ी लखनऊ में चल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 10:22 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 10:22 AM (IST)
एक नंबर की दो गाड़ी.. एक मेरठ  का कैंटर, दूसरी लखनऊ की डस्टर
एक नंबर की दो गाड़ी.. एक मेरठ का कैंटर, दूसरी लखनऊ की डस्टर

मेरठ, जेएनएन। एक रजिस्ट्रेशन नंबर की दो गाड़ी की सूचना पर कंकरखेड़ा पुलिस को भी चौंका दिया। यूपी-32 एलएन-7657 नंबर का एक कैंटर कंकरखेड़ा क्षेत्र में है, जबकि इसी नंबर की डस्टर गाड़ी लखनऊ में चल रही है। लखनऊ वाली डस्टर गाड़ी का पुलिस ने आनलाइन चालान काटा, मगर वह चालान कंकरखेड़ा में कैंटर स्वामी के घर पहुंच गया, जिसे देख वह हैरान हो गया। पीड़ित ने थाने में तहरीर दी है।

कंकरखेड़ा के नंगलाताशी निवासी सुभाष ने बताया कि उसके पास यूपी-32 एलएन-7657 नंबर का कैंटर है। गुरुवार को सुभाष के पास आनलाइन 500 रुपये का ई-चालान पहुंचा। सुभाष ने चालान देखा तो उसके होश उड़ गए। कैंटर का रजिस्ट्रेशन नंबर लखनऊ में डस्टर गाड़ी का भी था। शुक्रवार को सुभाष अपने नाते रिश्तेदारों संग कंकरखेड़ा थाने पहुंचा और पूरा प्रकरण पुलिस को बताया। एक नंबर की दो गाड़ी और एक का चालान कटा देख पुलिस भी हैरत में पड़ गई। सुभाष ने तहरीर दी, जिसमें पूरे प्रकरण की जांच कर संबंधित डस्टर गाड़ी स्वामी से पूछताछ करने की मांग की। इंस्पेक्टर तपेश्वर सागर का कहना है कि तहरीर के आधार पर एक चिट्ठी लखनऊ आरटीओ दफ्तर को भेजी जाएगी, उसका जबाव आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

हाईवे पर दिल्ली के परिवार से कार छीनने का प्रयास : हाईवे पर डस्टर कार सवार युवकों ने दिल्ली निवासी परिवार से कार छीनने का प्रयास किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो युवकों दबोच लिया, जबकि दो भाग गए। पुलिस कार को कब्जे में लेकर थाने आ गई। युवक खुद को फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बता रहे हैं। पीड़ित ने लूट का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है।

दिल्ली के आरके पुरम निवासी कविता पुत्री हरीशचंद ने पुलिस को बताया कि गुरुवार को वह स्वजन संग कार से हरिद्वार जा रही थी। तभी हाईवे स्थित आइटीआइ कालेज के पास डस्टर में सवार चार युवकों ने ओवरटेक कर उनकी कार रोक ली। पीड़ित ने युवकों से कार रोकने का कारण पूछा तो उन्होंने फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताते हुए जबरन कार की खिड़की खोल कर नीचे उतार दिया और गाली-गलौच करने लगे। साथ ही युवकों ने कहा कि अगर कार वापस लेना चाहते हो तो बकाया किस्त अभी चुका दो, लेकिन पीड़ित ने मना कर दिया। पीड़ित ने युवकों से कंपनी की आइडी मांगी तो उन्होंने दिखाने से इन्कार कर दिया। इंस्पेक्टर तपेश्वर सागर का कहना है कि दो युवक हिरासत में लिए हैं। तहरीर के आधार पर जांच की जा रही है।

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