मेरठ में दो जगह ट्रेन की चपेट में आने से दो लोगों की मौत, एक की शिनाख्त नहीं
मेरठ में बुधवार को दो स्थानों पर ट्रेन की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई। इनमें से एक की शिनाख्त नहीं हो सकी। कंकरखेड़ा क्षेत्र में रेलवे फाटक पर मृत व्यक्ति की पहचान बर्तन व्यापारी महेश चंद जैन के रूप में हुई।
मेरठ, जागरण संवादादता। कंकरखेड़ा और पल्लवपुरम क्षेत्र में बुधवार को दो जगह पर रेल की चपेट में आकर दो लोगों की मौत हो गई। पल्लवपुरम क्षेत्र में हादसे का शिकार युवक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। कंकरखेड़ा के नटराज सिनेमा के पास रेलवे फाटक पर मृत व्यक्ति की पहचान बर्तन व्यापारी के रूप में हुई है। जीआरपी थाना पुलिस ने बर्तन व्यापारी के शव का पंचनामा भरकर मर्चरी पहुंचा दिया।
हादसा एक
कंकरखेड़ा की शिवलोक पुरी निवासी 66 वर्षीय महेश चंद जैन की गुरुनानक बाजार में बर्तन की दुकान है। बुधवार को महेश किसी काम से स्कूटी पर सवार होकर शहर के बाजार जा रहे थे। ट्रेन आने के लिए रेलवे फाटकबंद था, उसके बावजूद महेश बंद फाटक के नीचे से स्कूटी को निकलने लगे। स्कूटी लेकर व्यापारी जैसे ही ट्रैक पर पहुंचे, तभी तेज रफ्तार में दिल्ली की ओर से मुजफ्फरनगर की तरफ जा रही उत्कल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। टक्कर लगते ही स्कूटी समेत महेश काफी दूर जा गिरे। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। आसपास के लोगों की सूचना पर कंकरखेड़ा पुलिस मौके पर पहुंची। घटनास्थल जीआरपी का था, जिस वजह से जीआरपी को भी सूचना दी गई। मृतक की कमीज की जेब से मिले आधार कार्ड के अनुसार उनकी पहचान महेश चंद जैन के रूप में हुई। पुलिस ने व्यापारी के घर सूचना दी। पीड़ित के स्वजन का रोकर बुरा हाल है। जीआरपी ने शव मर्चरी पहुंचा दिया।
हादसा दो
पल्लवपुरम थाना क्षेत्र में कृषि विश्वविद्यालय के पास बुधवार को ट्रेन की चपेट में आने से करीब 30 वर्षीय युवक की मौत हो गई। राहगीरों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। मौजूद भीड़ से पुलिस ने शिनाख्त कराई, मगर पहचान ना हो सकी। इंस्पेक्टर देवेश शर्मा ने बताया कि शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है। शव मर्चरी भेज दिया है। सिर्फ एक मिनट की जल्दबाजी में महेश की चली गई जान कंकरखेड़ा फाटक पर फ्लाईओवर मौजूद है। जिससे कि लोग फाटक की बजाए फलाइओवर से आ जा सके। फाटक की एक साइड के बैरियर बंद रहते हैं, जबकि दूसरी साइड के बैरियर रेल के आने जाने के दौरान खोल बंद किए जाते हैं। जिस समय महेश स्कूटी से बाजार जा रहे थे, तब खोल बंद होने वाला फाटक भी उत्कल एक्सप्रेस के आने की वजह से बंद था। मगर महेश ने एक मिनट की जल्दबाजी के चक्कर में फलाईओवर की बजाए बंद फाटक के नीचे से निकलने लगे। तभी वह रेल की चपेट में आ गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।