25 करोड़ GST की चपत लगाने वाले मुरादाबाद के दो भाई गिरफ्तार, कई शहरों में बनाई थी फर्जी कंपनी Meerut News
कई शहरों में फर्जी कंपनियां बनाकर सरकार को 25.33 करोड़ का चूना लगाने वाले मुरादाबाद निवासी दो भाईयों को केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर की मेरठ की टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उनके खिलाफ प्रमाण जुटाने के लिए 24 घंटे में ताबड़तोड़ 13 स्थानों पर छापा मारा।
मेरठ, जेएनएन। फर्जी कंपनियां बना कर सरकार को 25.33 करोड़ का चूना लगाने वाले मुरादाबाद निवासी दो भाईयों को केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर की मेरठ की टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपितों की घेरा बंदी और उनके खिलाफ प्रमाण जुटाने के लिए टीम ने 24 घंटे में ताबड़तोड़ 13 स्थानों पर छापा मारा। यह जानकारी देते हुए मंगल पांडे नगर स्थित सीजीएसटी कमिश्नरी कार्यालय में प्रेसवार्ता करते हुए प्रधान आयुक्त सतेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि फर्जी इनवाइस जारी कर आरोपित भाई इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करते थे फिर से दूसरी कंपनियों को पास आन करते थे। मुरादाबाद की फर्म डीएम एंड संस की प्रोपराइटर श्वेता अग्रवाल दूसरी फर्म वेव एग्रो आयल के मालिक अर्चित अग्रवाल के खिलाफ फर्जी इनवाइस जनरेट करने का इनपुट मिला था।
कोरोना में जीएसटी वसूली में कमी से अधिकारी पशोपेश में हैं। वहीं जमा हो रहे टैक्स में भी फर्जी बिल बना कर करोड़ों की सेंधमारी की जा रही है। अर्चित अग्रवाल और श्वेता अग्रवाल के पति अंशुल अग्रवाल सगे भाई हैं। इन्होंने हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में कागजों में कंपनियां बना रखी हैं। जो किसी भी माल की बिक्री और खरीद नहीं करती बस इनवाइस जारी करती हैं। इनके खिलाफ मेरठ सीजीएसटी कमिश्नरी को इनपुट मिला था। जिसके बाद दिल्ली में पांच, लुधियाना में एक, कुरुक्षेत्र में एक और मुरादाबाद में पांच स्थानों पर छापेमारी की गई।
मेरठ के साथ दिल्ली, पंचकुला के कमिश्नरी की टीम ने छापेमारी में भाग लिया। छापेमार में सामने आया कि दोनो ने 20 कंपनियां अलग अलग जगह बना रखी थी पर संचालन दोनो भाई मिलकर मुरादाबाद से करते थे। प्रधान आयुक्त ने बताया कि कंपनियों के द्वारा जारी इनवायस और बैंक खातों की जांच के बाद दोनो भाइयों और उनके अकाउंटेट मुकेश और नितिन से पूछताछ की गई।
मौके से मिले कंप्यूटर के रिकार्ड और पेन ड्राइव खंगाली गई। जिसके बाद उक्त फर्जीवाड़ा सामने आया। आरोपितों के घर से 14 लाख रुपये भी बरामद हुए जिसे भी टीम ने जब्त कर लिया है। दोनो भाईयों ने फर्जी इनवायस जारी करने की बात स्वीकार की है। जिसके बाद दोनो भाईयों को शुक्रवार की शाम सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
प्रधान आयुक्त सतेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि इस मामले जांच जारी है और भी रिकवरी होने की संभावना है। ऐसे मामलों को पकडऩे के लिए विभाग ने बिजनेस इंटेलीजेंस फ्राड एनालिसिस नाम से साफ्टवेयर टूल तैयार है। जो ऐसे मामलों को पकडऩे में सहायक है। प्रेसवार्ता में संयुक्त आयुक्त राजेश कुमार, सहायक आयुक्त अंकित गहलोत, अधीक्षक मौजूद रहे। छापेमारी में अधीक्षक देवेंद्र कुमार, आरएस राठौर, पीके शर्मा, राजकुमार, निरीक्षक दीपक श्रीवास्तव, बिजेंद्र, कमल सिंह, विपुल तोमर आदि ने भाग लिया।