शस्त्र झुकाकर दी शहीदों को श्रद्धांजलि

पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिस लाइन में जनता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को नमन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 09:32 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 09:32 AM (IST)
शस्त्र झुकाकर दी शहीदों को श्रद्धांजलि
शस्त्र झुकाकर दी शहीदों को श्रद्धांजलि

मेरठ, जेएनएन। पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिस लाइन में जनता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को नमन किया गया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों ने शहीद स्मारक पर पुष्प अíपत कर श्रद्धांजलि दी। आरएएफ ने भी पुलिस स्मृति दिवस पर शहीदों को याद किया।

बुधवार सुबह आठ बजे पुलिस लाइन स्थित परेड ग्राउंड पर सलामी परेड, शहीद नामावली का वाचन, शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पण और शस्त्र झुकाकर श्रद्धांजलि दी गई। मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक राजीव सभरवाल ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री का संदेश पढ़कर सुनाया। कहा कि स्मृति दिवस पुलिसकर्मियों में एक नई ऊर्जा भरने के लिए भी मनाया जाता है। इस दौरान आइजी प्रवीण कुमार, एसएसपी अजय साहनी, एसपी देहात अविनाश पांडेय, एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव, एएसपी डॉ. ईरज राजा, आरआइ होरीलाल सिंह आदि के अलावा सभी सीओ, थानाध्यक्ष मौजूद रहे।

इसलिए मनाते हैं स्मृति दिवस

21 अक्टूबर 1959 को देश की उत्तरी सीमा लद्दाख स्थित हाट स्प्रिंग्स पर सीआरपीएफ के दस जवानों ने चीनी सेना के आक्रमण को विफल करते हुए देश के लिए प्राणों की आहुति दे दी थी। तब से हर साल इस दिन को पूरे देश में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रत्येक राज्य से पुलिसकर्मियों का दल 20 दिनों की यात्रा कर हाट स्प्रिंग्स पहुंचता है और शहीदों को सलामी देता है।

इस वर्ष 264 शहीद

एक सितंबर 2019 से 31 अगस्त 2020 तक देश में 264 पुलिसकर्मी शहीद हुए। इसमें नौ जवान उप्र पुलिस के हैं। असोम राइफल के तीन, बीएसएफ के 25, सीआइएसएफ के सात, सीआरपीएफ के 29, एफएस सीडीएचजी के चार, आइटीबीपी के 18, एमएचए के नौ, आरपीएफ के 14, एसएसबी के 15 जवान शहीद हुए हैं।

आरएएफ ने भी शहीदों को किया याद

परतापुर स्थित आरएएफ की 108 बटालियन में भी पुलिस स्मृति दिवस मनाया गया। इस दौरान कमांडेंट राजेंद्र प्रसाद, द्वितीय कमान अधिकारी केएम बुनकर, उप कमांडेंट रामेश्वर यादव और अन्य अधिकारियों ने शहीद स्मारक पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अíपत की। इसके बाद गार्ड द्वारा शहीदों को सशस्त्र श्रद्धांजलि दी गई और दो मिनट का मौन भी रखा गया।

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