चौधरी साहब की जयंती: अगर आप भी करते हैं परंपरागत खेती, तो आपको भी मिलेगी ये सौगात
अच्छी पहल- बागपत में चौधरी साहब की जयंती पर सम्मानित होंगे परंपरागत खेती वाले किसान। शासन ने दिया तैयारी कराने का आदेश। महिला किसानों को भी मिलेगा सम्मान। अधिकारियों ने किसानों के चयन की कवायद शुरुकर दी है।
बागपत, जेएनएन। उन माटी पुत्रों के लिए अच्छी खबर है, जो इस मशीनरी युग में परंपरागत खेती का वजूद बचाए हैं। ऐसे किसान 23 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह की जयंती पर भव्य समारोह में सम्मानित होंगे। शासन से आदेश मिलने पर अधिकारियों ने किसानों के चयन की कवायद शुरुकर दी है।
चौधरी साहब की जयंती किसान सम्मान दिवस के रूप में मनेगी। ब्लाक, जिला और राज्य स्तरीय समारोह होंगे। परंपरागत खेती में महत्ती भूमिका निभाने वाले ऐसे किसान सम्मानित होंगे जिन्होंने कृषि विविधिकरणअथवा औद्यानिक खेती के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। उद्यान, डेयरी, पशुपालन एवं शाक भाजी उत्पादन में विशेष उपलब्धि पाने वाले किसानों को भी सम्मानितकिया जाएगा।
जैविक खेती एवं प्राकृतिक खेती एवं कृषक उत्पादक संगठन तथा मिशन शक्ति के दृष्टिगतकृषि एवं एलाइड सेक्टर में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिला किसानों को भी राज्य और जिला स्तरीयपुरस्कार मिलेगा।कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों तथा पराली प्रबंधन करने वाले अधिकारी सम्मानित होंगे। मकसद किसानों को प्रोत्साहित करना है ताकि उत्पादन और उनकी आमदन बढें। सीडीओ रंजीत सिंह ने कहा कि उप कृषि निदेशक को किसानों का चयन तथा समारोह की तैयारी करने का आदेश दिया है।
जानिए परंपरागत खेती
परंपरागत खेती प्रकृति पर निर्भर खेती होती है जिसमें वर्ष जल, देसी एवं स्थानीय बीजों, गोबर की सड़ी गली खाद एवं परंपरागत कृषि यंत्र जैसे हल-बैल, खुरपी, फावड़ा आदि इस्तेमाल किए जाते हैं।