श्रम नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन की हुंकार

श्रम कानून के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने गुरुवार को एक दिन की हड़ताल रखी। इसमें बैंक और बीमा के कर्मचारी भी शामिल हुए। हड़ताल की वजह से 11 बैंकों में कामकाज प्रभावित हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 04:45 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 04:45 AM (IST)
श्रम नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन की हुंकार
श्रम नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन की हुंकार

मेरठ, जेएनएन। श्रम कानून के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने गुरुवार को एक दिन की हड़ताल रखी। इसमें बैंक और बीमा के कर्मचारी भी शामिल हुए। हड़ताल की वजह से 11 बैंकों में कामकाज प्रभावित हुआ। यूनियन के नेताओं ने अपनी मांगों को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिया।

अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ के आह्वान पर बैंक कर्मचारी हड़ताल पर रहे। स्टेट बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक को छोड़कर 11 बैंक हड़ताल में शामिल रहे। पीएनबी की कुछ ब्रांचें खुली रहीं, जहां लोगों के काम हुए। कुछ अन्य बैंकों की ब्रांचें भी खुली थीं, लेकिन वहां कामकाज नहीं हुआ। दूसरी ओर बीमाकर्मी भी हड़ताल में शामिल हुए। बैंक और बीमा की जिला इकाइयों के पदाधिकारी चौधरी चरण सिंह पार्क के पास एकत्रित हुए। फिर पैदल मार्च करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन दिया। अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार महेंद्रू, चंद्रमोहन गौतम, प्रशांत शर्मा, ललित कुमार, संजीव शर्मा, केके अग्रवाल, सीटू के जिलामंत्री सतपाल सिंह, इंटक के विरेंद्र गुप्ता सहित अन्य यूनियन के पदाधिकारी रहे।

एक हजार करोड़ का लेनदेन प्रभावित

मेरठ में हड़ताल से 11 बैंकों की करीब साढ़े तीन सौ ब्रांचों में कामकाज प्रभावित हुआ। कुछ ब्रांच पूरी तरह से बंद रहीं, तो कुछ आशिक तौर पर खुली रहीं। संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक इन सभी ब्रांचों में हर दिन करीब एक हजार करोड़ रुपये का लेनदेन होता है। हड़ताल की वजह से इस पर प्रभाव पड़ा। हालांकि एटीएम से लेनदेन पर असर नहीं रहा।

ये रहीं कुछ मांगें

-44 श्रम कानूनों को समाप्त किया जाए।

- बैंक, बीमा, बिजली, रेलवे आदि सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण बंद हो।

- सभी के लिए न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपये प्रतिमाह हो।

- आउट सोर्स को बंद किया जाए।

- कोविड की वजह से नौकरी गंवाने वाले मजदूरों को बिना वेतन कटौती के रोजगार दिया जाए।

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