Tokyo Olympics: अपने प्रदर्शन के दम पर टीम का अहम हिस्सा हैं मेरठ की वंदना, ऐसे चढ़ीं सफलता की सीढ़ियां

मेरठ की वंदना को इस सफलता की पहली सीढ़ी मई 2007 में मिली थी। जब उन्हें चतुर्थ शेख फहद हिरोशिमा-एशिया यूथ स्पोट्र्स एक्सचेंज प्रोजेक्ट के लिए चुना गया था। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत जूनियर महिला हाकी टीम को जापान में आयोजित हाकी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जाना था।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:30 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:30 AM (IST)
Tokyo Olympics: अपने प्रदर्शन के दम पर टीम का अहम हिस्सा हैं मेरठ की वंदना, ऐसे चढ़ीं सफलता की सीढ़ियां
हिरोशिमा-एशिया यूथ प्रोजेक्ट थी वंदना की सफलता की पहली सीढ़ी।

अमित तिवारी, मेरठ। Tokyo Olympics टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय महिला टीम में फारवर्ड खिलाड़ी मेरठ की वंदना कटारिया भी शामिल हैं। ओलंपिक में खेलना हर खिलाड़ी का लक्ष्य होता है। वंदना को इस सफलता की पहली सीढ़ी मई 2007 में मिली थी। जब उन्हें 'चतुर्थ शेख फहद हिरोशिमा-एशिया यूथ स्पोट्र्स एक्सचेंज प्रोजेक्ट' के लिए चुना गया था। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत जूनियर महिला हाकी टीम को जापान में आयोजित हाकी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जाना था। यह प्रतियोगिता जुलाई 2007 में आयोजित की गई थी। इसके बाद से वंदना हर आयु वर्ग की अधिकतर राष्ट्रीय स्तर की हाकी टीम का हिस्सा रही हैं।

मेरठ के पते पर आया था चयन पत्र

वंदना कटारिया मेरठ में आंबेडकर रोड स्थित मोहनपुरी में रहती थीं। भारतीय महिला हाकी फेडरेशन ने 11 मई 2007 को वंदना को भारतीय जूनियर टीम के लिए चुना था। उसी संदर्भ में क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी लखनऊ राम प्रकाश सिंह ने वंदना को जूनियर राष्ट्रीय महिला हाकी कैंप में शामिल होने के लिए पत्र भेजा था। 25 मई से 25 जुलाई तक विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था।

मेरठ में तीन साल लिया प्रशिक्षण

मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली वंदना कटारिया पुत्री नाहर सिंह ने हाकी का शुरुआती प्रशिक्षण मेरठ के एनएएस कालेज स्थित हाकी मैदान पर कोच प्रदीप चिन्योटी के मार्गदर्शन में लिया। प्रदीप ने वंदना को उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित रोशनाबाद में खेलते देखा था। वहां के हाकी कोच केके ने वंदना और उनकी बहन को मेरठ में प्रशिक्षण के लिए भेजा। वंदना ने मेरठ में साल 2004 से 2006 तक प्रशिक्षण लिया और जिले से लेकर प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। साल 2007 की शुरुआत में वंदना का चयन लखनऊ स्थित हाकी हास्टल में हो गया था।

सफलता की लंबी फेहरिस्त

वंदना ने वर्ष 2013 में जापान में हुई तीसरी एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। वर्ष 2014 में कोरिया में हुए 17वें एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता था। साल 2016 में सिंगापुर में हुई चौथी एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। 2018 में जकार्ता में हुए एशियाई खेल में रजत पदक जीता। 2018 में गोल्ड कोस्ट में हुए 11वें राष्ट्रमंडल खेल में चौथे स्थान पर रहीं। इसके अलावा वंदना साल 2016 में रियो ओलंपिक, चीन में हुई दूसरी एशियन चैंपियनशिप में भारतीय टीम का हिस्सा रहीं और कई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया है। इसी साल जनवरी में वंदना को प्रदेश सरकार की ओर से रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से भी नवाजा गया।

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