इस बार स्मार्ट पढ़ाई होगी दाखिले का आकर्षण

सत्र 2020-21 कोविड-19 की भेंट चढ़ने के बाद अब स्कूलों ने नए सत्र में नई उम्मीद के साथ प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Dec 2020 05:50 AM (IST) Updated:Wed, 16 Dec 2020 05:50 AM (IST)
इस बार स्मार्ट पढ़ाई होगी दाखिले का आकर्षण
इस बार स्मार्ट पढ़ाई होगी दाखिले का आकर्षण

मेरठ, जेएनएन। सत्र 2020-21 कोविड-19 की भेंट चढ़ने के बाद अब स्कूलों ने नए सत्र में नई उम्मीद के साथ प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सत्र 2021-22 के लिए दाखिले के आकर्षण में बहुत कुछ बदलने भी जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्कूल आफलाइन शिक्षण व्यवस्था के साथ ही आनलाइन शिक्षण व्यवस्था को भी जोड़ रहे हैं। तकनीकी रूप से प्रशिक्षित हो चुके शिक्षक भी अब छात्रों को आफलाइन क्लास में पढ़ाने के साथ ही आनलाइन व्यवस्था के साथ भी चलने को तैयार हैं। यह व्यवस्था छोटी कक्षाओं से लेकर बड़ी कक्षाओं तक भी चलेगी।

आनलाइन होंगे टेस्ट व साक्षात्कार

जनवरी से कोविड-19 की वैक्सीन आने की उम्मीद के साथ ही स्कूल इस बार नए सत्र की प्रवेश प्रक्रिया को पूरी तरह आनलाइन ही रखना चाहते हैं। इसमें रजिस्ट्रेशन से लेकर फीस जमा करने, कागजात जमा करने और यहां तक की प्राइमरी तक के बच्चों के लिए प्रवेश परीक्षा व साक्षात्कार भी आनलाइन ही लिए जाने की तैयारी की जा रही है। मेरठ पब्लिक स्कूल ग्रुप और दिल्ली पब्लिक स्कूल जैसे संस्थानों ने आनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है।

स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष जोर

पिछले दो साल से स्कूलों में प्रवेश के समय बच्चों के टीकाकरण पर विशेष जोर दिया जा रहा है। कुछ स्कूलों ने टीकाकरण की रिपोर्ट कार्ड भी प्रवेश के समय अन्य कागजातों के साथ मांगी थी। इस बार पूरे साल घर में ही रहे बच्चों में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को विशेष तौर पर परखा जाएगा। इसमें अभिभावकों की भी भूमिका देखी जाएगी, जिसका असर बच्चों पर पड़ता है।

अभिभावकों के मन में संशय

यह पूरा सत्र स्कूल की फीस और आनलाइन क्लास को लेकर खींचतान में निकल गया, जो अब भी जारी है। ऐसे में कोविड की वैक्सीन आने की चर्चा भले ही शुरू हो गई है, लेकिन अभिभावकों के मन में अगले सत्र को लेकर भी अब तक भरोसा कायम नहीं हो सका है। अब नए सत्र में अभिभावक चाहेंगे कि उनके बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दिया जाए, जबकि स्कूल बच्चों की पढ़ाई का स्तर देखते हुए रिपीट कराना चाहेंगे। नए सत्र की शुरुआत में यह भी स्कूल व अभिभावकों के बीच एक मुद्दा हो सकता है।

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