रक्तदान कर जिंदगी को जिंदाबाद बना रहे ये जिंदादिल

रक्त की अहमियत जीवन और मौत से लड़ रहे व्यक्ति से बेहतर कोई नहीं समझ सकता।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 02:45 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 02:45 AM (IST)
रक्तदान कर जिंदगी को जिंदाबाद बना रहे ये जिंदादिल
रक्तदान कर जिंदगी को जिंदाबाद बना रहे ये जिंदादिल

मेरठ,जेएनएन। रक्त की अहमियत जीवन और मौत से लड़ रहे व्यक्ति से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। मरीज को समय पर रक्त न मिलने से सांसों की डोर कट सकती है। ऐसे में रक्त की कमी से लोगों के जीवन पर संकट न आए इसके लिए रक्तदाता फरिश्ते की तरह रक्तदान कर जीवन की रक्षा करते हैं। 14 जून का दिन भी ऐसे ही रक्तदाताओं को समर्पित है। इसका मूल उद्देश्य लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करना व रक्त की कमी को पूरा करना है। शहर में ऐसे कई लोग हैं जो रक्तदान कर इंसानियत का फर्ज बखूबी निभा रहे हैं। यह साल के अलग-अलग मौके पर रक्तदान शिविर, व्यक्तिगत रक्तदान या जरूरत पड़ने पर अपना खून देकर लोगों के प्राण बचाने में जुटे हैं। 18 की उम्र से रक्तदान की शुरुआत

रक्तदान की शुरुआत 18 साल की आयु में पहली बार रिश्तेदारी में एक महिला को रक्तदान करने से हुई। उन्हें उनके स्वजन छोड़कर चले गए थे। रक्त के बिना उनकी जान चली जाती है। रक्तदान के बाद हृदय को काफी सुकून मिला। तब से हर साल दो से तीन बार सेहत को ध्यान में रखते हुए रक्तदान करते आ रहा हूं। पीएल शर्मा अस्पताल के रक्तकोष में भी पंजीकृत हूं।

सुनील चौधरी, टीपीनगर 25 दिसंबर को हर साल रक्तदान का लिया संकल्प

रक्तदान से अंतर्मन को सुकून मिलता है। इसके लिए हर साल सुभाष बाजार में 25 दिसंबर को आयोजित शिविर में रक्तदान कर अपने योगदान की छोटी सी आहुति देता हूं। साथ ही संघ के स्वयंसेवक के तौर पर आरएसएस द्वारा आयोजित कैंप में सहयोग के साथ ही सेवाभाव से रक्तदान का हिस्सा बनता हूं।

संभव जैन, शास्त्रीनगर कैंप लगाकर सैकड़ों यूनिट जमा कर रहे रक्त

निरंकारी मिशन के रक्तदान कार्यक्रम के महानगर समन्वयक के तौर पर हर साल अलग-अलग अस्पतालों में कैंप लगाकर सैंकड़ों यूनिट रक्त जमा करने की पहल चला रखी है। रक्तदान के लिए विभिन्न अस्पतालों में पंजीकरण करा रखा है। रक्त की जरूरत पड़ने पर व्यक्तिगत तौर पर भी खून देकर योगदान दिया जा रहा है।

भरत उज्जवल, विवेक विहार, रुड़की रोड रक्तदान कर मनाते हैं आफिस का स्थापना दिवस

बतौर सीए कार्य करते हुए करीब 23 वर्ष पहले 16 मई को आफिस की स्थापना की थी। तब से हर साल इस दिन परिवार व आफिस के इच्छुक सहयोगियों के साथ मेडिकल कालेज के सहयोग से रक्तदान करता आ रहा हूं। इसके अलावा अस्पताल में किसी जरूरतमंद को रक्त की जरूरत करने पर खून देता हूं। अभी तक 44 बार व्यक्तिगत रूप से रक्तदान करा चुका हूं।

-प्रभात गुप्ता, ए ब्लाक, शास्त्रीनगर

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