बुलंदशहर के चांदपुर अंडरपास में अब नहीं हो होगा जलभराव, रेलवे की यह है तैयारी
रेलवे ने डीएफसीसी के ट्रैक बिछने के बाद 2019 में चांदपुर फाटक पर डबल बाक्स अंडरपास का निर्माण शुरू कराया था। सितंबर में फाटक को बंद कर अंडरपास से वाहनों का संचलान शुरू कर दिया था। बारिश से अंडरपास में जलभराव होने से लोगों को परेशानी होनी शुरू हो गई।
बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर परियोजना के तहत शहर के बीच चांदपुर फाटक पर तैयार डबल बाक्स अंडरपास पर अब रेलवे ने शेड डालने की योजना तैयार की है। रेलवे मुख्यालय को एस्टीमेट तैयार कर स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है। एस्टीमेट को स्वीकृति मिलने के बाद शेड डालने का काम शुरू हो जाएगा।
2019 में शुरू हुुआ था चांदपुर फाटक पर डबल बाक्स अंडरपास का निर्माण
रेलवे ने डीएफसीसी के ट्रैक बिछने के बाद 2019 में चांदपुर फाटक पर डबल बाक्स अंडरपास का निर्माण शुरू कराया था। गत सितंबर माह में फाटक को बंद कर अंडरपास से वाहनों का संचालन शुरू कर दिया था। बारिश से अंडरपास में जलभराव होने से लोगों को अभी से ही परेशानी होनी शुरू हो गई। अंडरपास शहर के बीचों-बीच होने के कारण रेलवे ने अब अंडरपास पर टीन शेड डालने की योजना की है। टीन शेड डलने के बाद अंडरपास में जलभराव नहीं हो पाएगा। इसके साथ ही दोपहिया वाहनों का आवागमन भी बाधित नहीं होगा। रेलवे अफसरों ने मुख्यालय को अंडरपास पर टीन शेड डालने के लिए एस्टीमेट तैयार कर भेज दिया है। मुख्यालय से टीन शेड के एस्टीमेट को स्वीकृति मिलने के बाद रेलवे शीघ्र ही टीन शेड डालने का काम शुरू करा देगा।
अंडरपास पर एक नजर
अंडरपास का स्तर - डबल बाक्स
अंडरपास की लंबाई - 140 मीटर
अंडरपास की चौड़ाई - 9.5 मीटर
टीन शेड की अनुमानित लागत - 60 लाख रुपये
कब से शुरू होगा काम- दिसंबर का पहला सप्ताह
परियोजना पर एक नजर
- पश्चिम बंगाल के दानकुनी से लुधियाना तक होगा निर्माण
- 1839 किमी होगी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की कुल लंबाई
- मेरठ मंडल में 1564 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर खर्च हुए रुपये
- खुर्जा से सहारनपुर तक बिछाया जाएगा 222 किमी का रेलवे ट्रैक
-2021 तक इस हिस्से को पूरा करने की समय सीमा तय
इन्होंने कहा...
चांदपुर अंडरपास को टीन शेड से कवर्ड करने के लिए एस्टीमेट तैयार कर मुख्यालय भेज दिया गया है। एस्टीमेट को स्वीकृति मिलने के बाद टीन शेड डालने का काम शुरू करा दिया जाएगा।
-प्रमोद पांडेय, सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेलवे