मलबे से निकले घायलों के लिए हर जुबान पर थी दुआ

दोपहर को मोहम्मदी मस्जिद में बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करने के लिए जमा हुए थे। अचानक मस्जिद की दीवार गिर गई। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए सभी राहत-बचाव कार्य में जुट गए। शहर में यह खबर आग की तरह फैल गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 09:44 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 09:44 AM (IST)
मलबे से निकले घायलों के लिए हर जुबान पर थी दुआ
मलबे से निकले घायलों के लिए हर जुबान पर थी दुआ

मेरठ, जेएनएन। दोपहर को मोहम्मदी मस्जिद में बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करने के लिए जमा हुए थे। अचानक मस्जिद की दीवार गिर गई। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए सभी राहत-बचाव कार्य में जुट गए। शहर में यह खबर आग की तरह फैल गई। पुलिस और प्रशासनिक अफसर ही नहीं, आसपास के जिस भी व्यक्ति को यह सूचना मिली वह बारिश में ही मस्जिद की तरफ दौड़ पड़ा। मलबे को हटा-हटा कर लोग अपनों को ढूंढ रहे थे। घायलों के लिए हर किसी की जुबान पर बस दुआ थी।

आधे घंटे में जुट गए दर्जनों लोग

मस्जिद परिसर में पहुंचे दर्जनों लोग बचाव अभियान में अपने-अपने तरीके से सहयोग कर रहे थे। अतिरिक्त पुलिस बल बुलाकर व्यवस्था बनाई गई। हादसे के समय अफवाह उड़ गई कि मलबे में बड़ी संख्या में लोग दब गए हैं। लोगों को अपने स्वजन की फिक्र थी। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने दमकल की गाड़िया और नगर निगम की टीम बुलाकर पूरा मलबा खंगाल दिया।

परिवार में मचा कोहराम

हादसे में मरने वाले इमरान और अफ्फान के परिवार में कोहराम मच गया। परिवार के सदस्य घटनास्थल पर पहुंचे। यहां से जानकारी मिलने पर अस्पताल गए। अफ्फान के परिवार ने पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया। यही हाल घायलों के स्वजन का था। सभी हादसे की सूचना पर पहले मस्जिद में पहुंचे। उसके बाद अपनों को तलाशते हुए अस्पताल की तरफ भागे।

न्यू मेरठ अस्पताल में डाक्टर से धक्का-मुक्की

इमरान को लेकर लोगों की भीड़ हापुड़ रोड स्थित न्यू मेरठ अस्पताल पहुंची। अस्पताल में काफी देर तक इमरान को उपचार नहीं मिलने पर भीड़ भड़क गई। भीड़ ने डाक्टर से धक्का-मुक्की कर अस्पताल में तोड़फोड़ कर दी। पुलिस ने भीड़ को काबू किया। एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि घायलों को तत्काल उपचार मिले इसके लिए अस्पताल के संचालकों से फोन पर संपर्क किया था। इसके बाद भी न्यू मेरठ अस्पताल में डाक्टर के देरी से पहुंचने पर विवाद हो गया।

चार इंच की दीवार पर बाध दिया था तिरपाल

मस्जिद परिसर में बारिश से बचने के लिए ऊपरी मंजिल पर तिरपाल को चार इंच की दीवार से बाधा गया था। तिरपाल पर बारिश का पानी अधिक होने से दीवार इसका वजन सहन नहीं कर सकी और भरभराकर गिर गई। संयोग यह भी रहा कि तिरपाल की वजह से ईटें सीधे लोगों पर नहीं गिरीं।

जवाबदेही से नहीं बच सकते जिम्मेदार

अफसर इस हादसे की जिम्मेदारी से यह कहकर बच नहीं सकते कि मस्जिद की दीवार चार इंच की थी या फिर तिरपाल पर पानी अधिक भर गया था। अफसरों को यह जानना चाहिए कि कोरोना प्रतिबंधों के बावजूद सैकड़ों लोगों की भीड़ जुमे की नमाज में मस्जिद के अंदर कैसे प्रवेश कर गई। वह भी तब जब जुमे की नमाज के दौरान अफसर खुद सड़कों पर होते हैं। हर मस्जिद की जिम्मेदारी किसी न किसी अफसर को सौंपी गई है। मोहम्मदी मस्जिद की जिम्मेदारी जिस पर थी उसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। शहर काजी और नायब शहर काजी भी लगातार लोगों से घरों में ही नमाज अदा करने की अपील कर रहे हैं। इसके बावजूद हर मस्जिद में नमाजियों की भारी भीड़ जमा होने लगी है। एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि मस्जिद में सीमित संख्या में नमाज अदा करने के आदेश हैं।

पीड़ित परिवार की हर संभव करेंगे मदद : इमरान

मेरठ : अहमद नगर गली दीवार गिरने से दो लोगों को मौके पर मौत हो गई व कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इन पीड़ित परिवार से मिलने बसपा नेता इमरान याकूब कुरैशी व फिरोज याकूब मौके पर पहुंचे। परिवार के सदस्यों से हाल जाना व सांत्वना दी। परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

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