मेरठ में बिना नाम के शिकायतों का लगा अंबार, जवाब देते-देते थक गई जिला पंचायत
जिला पंचायत के अधिकारी एक ऐसी शिकायत के संबंध में जवाब देते थक गए हैं जिस पर किसी शिकायतकर्ता का नाम नहीं है और उक्त कार्य तत्कालीन सीडीओ की अनुमति से ही किया गया था। चहेंतों के टेंडर बांटने का लगा आरोप।
जागरण संवाददाता, मेरठ। जिला पंचायत के अधिकारी एक ऐसी शिकायत के संबंध में जवाब देते थक गए हैं जिस पर किसी शिकायतकर्ता का नाम नहीं है और उक्त कार्य तत्कालीन सीडीओ की अनुमति से ही किया गया था।
चहेते ठेकेदारों को आफलाइन बांट दिए टेंडर
हाल ही में जिलाधिकारी, कमिश्नर के साथ साथ तमाम स्थानों पर एक लिखित शिकायत भेजकर जिला पंचायत के अफसरों पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने नियमविरुद्ध अपने चहेते ठेकेदारों को विभिन्न कार्यों के टेंडर बांट दिए। टेंडर प्रक्रिया आनलाइन होनी चाहिए लेकिन उक्त टेंडर प्रक्रिया आफलाइन की गई। शिकायत पर किसी शिकायतकर्ता का नाम न लिखकर केवल समय ठेकेदार जिला पंचायत लिखा गया है।
तीन बार दे चुके सफाई
शिकायत पर सबसे पहले मुख्य विकास अधिकारी ने जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी से 22 जून को जवाब तलब किया। 9 जुलाई को जांच रिपोर्ट उन्हें भेज दी गई। इसके बाद एडीएम वित्त ने 16 जुलाई को इसी शिकायत पर जिला पंचायत से आख्या मांगी। जिसे 22 जुलाई को भेजा गया। इसके बाद 26 जुलाई को एडीएम प्रशासन ने अपर मुख्य अधिकारी से इसी मामले में आख्या मांग ली।
सीडीओ की संस्तुति से किए आफलाइन टेंडर
एडीएम प्रशासन को अपर मुख्य अधिकारी ने पूरे प्रकरण तथा पूर्व में भेजी गई दोनों जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए जवाब भेजा है। उन्होंने बताया है कि शिकायत में सीडीओ की रोक के बावजूद आफलाइन टेंडर करने का आरोप लगाया गया है। जबकि तत्कालीन सीडीओ ईशा दुहन द्वारा ही 10 लाख से कम राशि के कार्यों की निविदा मांगने की संस्तुति के उपरांत तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा आफलाइन टेंडर प्रक्रिया की स्वीकृति दी गई थी। उस समय जिला पंचायत के प्रशासक जिलाधिकारी थे। उनकी स्वीकृति के आधार पर ही आफलाइन टेंडर किए गए थे।