पश्चिमी UP में हाईकोर्ट बेंच का कोई प्रस्ताव नहीं, लोकसभा में सांसद मलूक नागर के सवाल पर सरकार का जवाब

बिजनौर के बसपा सांसद मलूक नागर ने मंगलवार को लोकसभा में हाईकोर्ट की खंडपीठ स्थापना का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच स्थापना करने का सरकार का कोई विचार है या नहीं। अगर है तो कब तक यह मांग पूरी होगी।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 17 Mar 2021 10:37 PM (IST) Updated:Thu, 18 Mar 2021 02:26 PM (IST)
पश्चिमी UP में हाईकोर्ट बेंच का कोई प्रस्ताव नहीं, लोकसभा में सांसद मलूक नागर के सवाल पर सरकार का जवाब
बिजनौर सांसद मलूक नागर ने उठाया पश्चिमी उप्र में हाईकोर्ट बेंच स्थापना का मुद्दा

बिजनौर, जेएनएन। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच स्थापना का मुद्दा एक बार फिर सामने आया है। बिजनौर सांसद मलूक नागर के सवाल पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कहा कि राज्य सरकार की ओर से पश्चिम उप्र में हाईकोर्ट बेंच स्थापना का कोई प्रस्ताव नहीं आया है।

सांसद ने बताई पश्चिम उप्र के लोगों की समस्‍या 

बिजनौर के बसपा सांसद मलूक नागर ने मंगलवार को लोकसभा में हाईकोर्ट की खंडपीठ स्थापना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पश्चिम उप्र के लोगों को अपीलीय मुकदमों के निस्तारण के लिए प्रयागराज जाना पड़ता है। इसमें अधिक समय और धन खर्च होता है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि प. उप्र में हाईकोर्ट बेंच स्थापना करने का सरकार का कोई विचार है या नहीं। अगर है तो कब तक यह मांग पूरी होगी। इस पर विधि, न्याय, संचार, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पीठ की स्थापना के लिए राज्य सरकार और राज्यपाल की सहमति आवश्यक है। फिलहाल राज्य सरकार की ओर से पश्चिम उप्र में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना का कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है।

जन औषधि केंद्रों पर ब्रांडेड दवाओं की बिक्री रोकने की नीतियों की जानकारी भी मांगी

इसके अलावा सांसद ने देश में जेनरिक मेडिकल स्टोरों की संख्या, दवा आपूर्ति की समस्या, जन औषधि केंद्रों में ब्रांडेड दवाओं की बिक्री रोकने की सरकार की नीतियों की जानकारी मांगी। उन्होंने कहा कि देश में जिस तेजी से प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं, उसी तेजी से बंद भी हो रहे हैं। इसका कारण समय पर दवाओं की उपलब्धता नहीं होना है। इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि जेनरिक मेडिकल स्टोरों पर दवाओं की आपूर्ति की हरसंभव कोशिश की जा रही है।  

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