जलस्तर तो गिरने लगा.. पर बढ़ सकती हैं दुश्वारियां

हस्तिनापुर में पिछले तीन दिनों से कहर बरपा रही गंगा नदी शुक्रवार को शांत रही और जलस्तर में काफी गिरावट आई। इससे किसानों ने राहत की सांस ली है जबकि खेतों में रुके पानी से धान समेत अन्य फसल नष्ट होने से बाढ़ की संभावना बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 10:44 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:44 PM (IST)
जलस्तर तो गिरने लगा.. पर बढ़ सकती हैं दुश्वारियां
जलस्तर तो गिरने लगा.. पर बढ़ सकती हैं दुश्वारियां

मेरठ, जेएनएन। हस्तिनापुर में पिछले तीन दिनों से कहर बरपा रही गंगा नदी शुक्रवार को शांत रही और जलस्तर में काफी गिरावट आई। इससे किसानों ने राहत की सांस ली है, जबकि खेतों में रुके पानी से धान समेत अन्य फसल नष्ट होने से बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। पहाड़ी इलाके में हुई बारिश और हरिद्वार के भीमगोड़ा बैराज से गंगा में छोड़े गए अतिरिक्त 3 लाख 67 हजार क्यूसेक पानी से हस्तिनापुर खादर में बाढ़ जैसे हालत पैदा हो गए हैं।

बिजनौर बैराज से 68 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज हो रहा पानी

बिजनौर बैराज के अवर अभियंता पीयूष कुमार ने बताया कि शुक्रवार को बैराज से 68 हजार क्यूसेक पानी डाउन स्टीम में डिस्चार्ज चल रहा है। जबकि हरिद्वार बैराज से 70 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है। जो पिछले दिनों की अपेक्षा काफी कम है।

टूटे तटबंध से अभी भी निकल रहा है पानी

शेरपुर गांव के सामने टूटे तटबंध से अभी भी पानी निकल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जब नदी का जलस्तर घटकर चालीस हजार से नीचे पहुंच जायेगा तभी दुरुस्त कराने का कार्य किया जा सकता है। अभी पानी की धार बहुत तेज है। वहीं, फतेहपुर प्रेम के समीप से तटबंध से रिस रहे पानी को शुक्रवार को कारसेवा बाबा बूटा सिंह ने ग्रामीणों की मदद से बंद कराया।

अब संक्रामक बीमारियों की आएगी बाढ़

गंगा नदी का जलस्तर मे काफी गिरावट आ गयी है परंतु खादर क्षेत्र के गांवों में भरे पानी एवं गंदगी के चलते संक्रामक बीमारियां जैसे टाइफाइड, पीलिया, चर्मरोग, वायरल, आदि बीमारियों की बाढ़ आने की संभावनाएं प्रबल हो गई है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. राहुल वर्मा ने बताया कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में बीमारियों की आशंका को देखते हुए गांव-गांव टीम भेजी जायेगी । उन्होने बताया कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के लोग सावधानी बरते और बाढ़ के पानी से निकले के बाद पैर अवश्य धोए। और बासी भोजन न करें।

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