अंतिम सांस तक नहीं छोड़ा टुकड़ी का साथ

शहीद सूबेदार वीरेंद्र कुमार ने दोबारा सियाचिन ग्लेशियर पर ड्यूटी करने की इछा स्वयं जाहिर की थी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 11:10 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 11:10 PM (IST)
अंतिम सांस तक नहीं छोड़ा टुकड़ी का साथ
अंतिम सांस तक नहीं छोड़ा टुकड़ी का साथ

मेरठ,जेएनएन। शहीद सूबेदार वीरेंद्र कुमार ने दोबारा सियाचिन ग्लेशियर पर ड्यूटी करने की इच्छा स्वयं जाहिर की थी। इससे पहले वह एक बार सेना की ओर से ग्लेशियर पर भेजे जा चुके थे। यूनिट के अफसर के अनुसार चढ़ाई के प्रशिक्षण के बाद सूबेदार वीरेंद्र टुकड़ी की अगुवाई करते हुए आगे बढ़े। रास्ते में आक्सीजन की कमी हुई। उन्होंने आक्सीन ली। वह लौट सकते थे लेकिन सैनिकों को पोस्ट तक पहुंचाने के जज्बे के साथ आगे बढ़ते गए। पोस्ट पर पहुंचने के बाद दूसरे दिन मौसम अचानक बदला जिससे उन्हें आक्सीजन की कमी महसूस हुई और हृदय गति रुक गई।

उनके साथ ही 13 जुलाई 1998 को सेना में भर्ती हुए हवलदार हरेंद्र जाटव के अनुसार वीरेंद्र को पहली तैनाती ही कारगिल में मिली थी। तैनाती के बाद कारगिल की लड़ाई हुई जहां उनकी आर्टीलरी रेजिमेंट तैनात थी। उनकी बहादुरी को देखते हुए ही उन्हें समय से पहले सूबेदार पद पर पदोन्नत किया गया था। वह यूनिट में सबसे वरिष्ठ जेसीओ और टेक्निकल असिस्टेंट थे। सैनिकों के वह तकनीकी गुरु भी थे।

पार्क को शहीद के नाम पर करने की मांग

सांसद राजेंद्र अग्रवाल से लोगों ने स्थानीय पार्क का नाम शहीद सूबेदार वीरेंद्र कुमार शर्मा के नाम पर रखने की मांग की। सरस्वती विहार के साथ ही आस-पास के क्षेत्र में शहीद की रेजिमेंट के कई पूर्व व वर्तमान सैनिक हैं और एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। सभी की मांग को देखते हुए सांसद ने इसकी कार्यवाही आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया है।

संदिग्ध परिस्थिति में बेहोश मिला व्यक्ति, मेरठ रेफर: मवाना स्थित सुभाष बाजार शनिवार को शाम मोहल्ला काबलीगेट निवासी व्यक्ति घर के समीप संदिग्ध परिस्थिति में बेहोश पड़ा मिला। सूचना पर स्वजन व पुलिस मौके पर पहुंच गई। उसे उपचार के लिए सीएचसी भर्ती कराया गया, जहां से चिकित्सक ने हालत गंभीर देखते हुए उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। बेहोश मिले व्यक्ति का नाम सतीश पुत्र त्रिलोक निवासी मोहल्ला काबलीगेट है। समाचार लिखे जाने तक थाने पर तहरीर नहीं दी गई थी।

chat bot
आपका साथी