दिगंबर जैन समाज में गहरी हैं त्याग और मान्यताओं की जड़ें

दशलक्षण पर्व पर दिगंबर जैन समाज में धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के प्रति गहरा झुकाव प्रदर्शित हो रहा है। पंजाबीपुरा निवासी शिखा जैन 10 दिनों तक केवल पानी पीती हैं अन्न का त्याग रहता है। बताया कि वह पिछले 10 वर्ष से ऐसा कर रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 08:54 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 08:54 AM (IST)
दिगंबर जैन समाज में गहरी हैं त्याग और मान्यताओं की जड़ें
दिगंबर जैन समाज में गहरी हैं त्याग और मान्यताओं की जड़ें

मेरठ, जेएनएन। दशलक्षण पर्व पर दिगंबर जैन समाज में धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के प्रति गहरा झुकाव प्रदर्शित हो रहा है। पंजाबीपुरा निवासी शिखा जैन 10 दिनों तक केवल पानी पीती हैं, अन्न का त्याग रहता है। बताया कि वह पिछले 10 वर्ष से ऐसा कर रही हैं। बताया कि उन्हें अपनी दादी सास से व्रत की प्रेरणा मिली थी। वह 85 वर्ष की उम्र में 48 घंटे में केवल एक बार पानी पीती थीं। कहा मैं तो फिर भी 24 घंटे में एक बार जल ले रही हूं। बताया कि दशलक्षण पर्व के दौरान पति मयंक जैन, बेटे अनंत और अतिशय आलू, प्याज और बाहर के खाने का परहेज करते हैं। सुबह और शाम मंदिर जाते हैं।

अनंत चतुर्दशी पर 36 घंटे के व्रत का पारण आज : : दिगंबर जैन समाज में अनंत चतुर्दशी का व्रत शनिवार शाम से आरंभ हो गया है। मान्यता है शाम को पानी से मुख साफ करने के बाद व्रती पानी तक मुख में नहीं डालते हैं। रविवार को ऐसे भक्तों ने कुल्ला भी नहीं किया। सोमवार को स्नान आदि के बाद मंदिर में दर्शन और प्रक्षालन के बाद व्रत का पारण किया जाएगा। शहर में सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष युवा, बड़े और वृद्ध इस व्रत को कर रहे हैं। पुलिस स्ट्रीट निवासी 78 वर्षीय सुरेश चंद जैन ने बताया कि के कई वर्षो से ऐसा कर रहे हैं। उनकी बहू मीनू जैन, पोती इंजीनियरिग की छात्रा वंशिका, प्रपौत्र विनम्र और आराध्य भी व्रती हैं। आनंदपुरी निवासी अतुल जैन शनिवार तक दिन के एक बार पानी का सेवन कर व्रत रह रहे थे। अनंत चौदस के व्रत में पानी भी ग्रहण नहीं कर रहे हैं।

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