भरभराकर गिरी कड़ियों की छत, बाल-बाल टला हादसा
सरधना कस्बे के मोहल्ला भाटवाड़ा में बारिश में एक घर की कड़ियों की छत भरभराकर गिर गई। गनीमत रही कि परिवार के सभी सदस्य समय से पहले घर के बाहर आ गए थे वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
मेरठ, जेएनएन। सरधना कस्बे के मोहल्ला भाटवाड़ा में बारिश में एक घर की कड़ियों की छत भरभराकर गिर गई। गनीमत रही कि परिवार के सभी सदस्य समय से पहले घर के बाहर आ गए थे, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
मोहल्ला भाटवाड़ा में पंजाबियों वाली गली निवासी जाकिर पुत्र अमीर हसन ने बताया कि रविवार रात वह अपनी पत्नी और पांच बच्चों के साथ घर पर था। इसी दौरान उनकी छोटी बेटी इमरोज को दीवारों में दरार की आवाज सुनाई दी। इस पर वे सभी के साथ घर से बाहर आ गए और थोड़ी देर बाद कमरे में कड़ियों की छत भरभराकर गिर गई। पीड़ित ने हजारों रुपये का नुकसान बताया है।
बुजुर्ग परेशान, गिर सकती है मकान की छत
दो दिन से लगातार रिमझिम बारिश के चलते मोहल्ला भाटवाड़ा निवासी हरिदास पुत्र रतिराम दिन में बाहर घूमकर समय काट रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके घर की छत के पास दीवार में दरार आ गई हैं। जिससे छत कभी भी गिर सकती है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत आवेदन भी किया था, लेकिन कुछ पता नहीं चला। एसडीएम संदीप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार यानि आज टीम भेजकर समस्या का समाधान करवाया जाएगा।
फसलों को नुकसान की आशंका
हस्तिनापुर : लगातार दो दिन से हो रही बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। वहीं, बारिश ने लोगों को सर्द मौसम की आहट का भी एहसास करा दिया है। इसके अलावा खेतों में पानी भर गया है, जबकि धान की पकी खड़ी फसल में काफी नुकसान होने की आशंका है।
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डा. ओमवीर ने बताया कि धान की पकी खड़ी फसल में नुकसान होगा। जिन किसानों के धान की फसल खेतों मे कटी पड़ी हुई है, उसमें और अधिक नुकसान होगा तथा दाना काला पड़ने की आशंका रहेगी। इसके अलावा जिन किसानों ने सब्जी की फसल या सरसों बो दी है उसमें भी काफी नुकसान रहेगा। जिन किसानों ने आलू की फसल की बुवाई कर दी है, उसमें आलू का जमाव काफी कम हो जाएगा और उत्पादन पर भी काफी प्रभाव पडेगा। वहीं, इस बारिश ने खादर क्षेत्र के किसानों की गेहूं की फसल को देरी कर दी है। गंगा किनारे बसे सिरजेपुर के ब्रजपाल सिंह, हादीपुर गांवडी के प्रधान रणवीर सिंह का कहना है कि खादर क्षेत्र में तो गेहूं की बुवाई की तैयारियां प्रारंभ कर दी थी और खेतों की जुताई कर गेहूं की बुवाई करनी थी। खादर क्षेत्र मे तराई होने के कारण गेहूं की बुवाई अब काíतक पूíणमा के आस पास ही हो सकेगी।