छह बहनों को बिलखता छोड़ गया इकलौता भाई, पिता ने दी मुखाग्नि
कोरोना का कहर कई परिवारों को तबाह कर चुका है।
मेरठ,जेएनएन। कोरोना का कहर कई परिवारों को तबाह कर चुका है। अभी कई लोग हास्पिटलों में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं मगर कुछ लोग यह जंग हार चुके हैं। इसके बावजूद भी वायरस का कहर थमता नजर नहीं आ रहा है। मंगलवार को सूरजकुंड श्मशानघाट का दारुण दृश्य देखकर पुरोहितों का भी दिल सहम गया। एक बुजुर्ग पिता बेबसी की हालत में छह बहनों के इकलौते भाई की अर्थी को लेकर श्मशान घाट पहुंचे। उन्होंने सिस्टम को कोसते हुए नम आखों से बेटे को अंतिम विदाई दी और साढ़े तीन साल के पौत्र को देखकर बेटे की धधकती चिता के सामने फूट फूटकर रोए। वहीं एक बेटे ने अपनी बुजुर्ग मा का अंतिम संस्कार करने के बाद मेडिकल कालेज की लचर हो चुकी व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। मासूम से पिता का छिना साया
शास्त्रीनगर स्थित बी-ब्लाक निवासी रुपेश वर्मा के मुताबिक कुछ दिनों पहले उनकी पत्नी लक्ष्मी देवी की हालत खराब हुई थी। रिपोर्ट पाजिटिव आने पर उन्हें होम आइसोलेशन में कर दिया गया। उसके बाद उनके बेटे गोपाल वर्मा की भी हालत बिगड़ गई। गोपाल छह बहनों में इकलौता था। उन्होंने बेटे को गढ़रोड स्थित न्यूटिमा हास्पिटल में भर्ती करा दिया। अचानक आक्सीजन स्तर कम होने की वजह से सोमवार रात गोपाल की मृत्यु हो गई। मौत की सूचना मिलते ही उनकी पुत्रवधू चित्रा गुप्ता बेसुध हो गई और साढ़े तीन साल का पौत्र विराज गुमसुम हो गया। उन्होंने अपने दिल पर पत्थर रखकर अपनी पत्नी को बेटे की मौत की सूचना दिए बिना उसका अंतिम संस्कार किया और जलती चिता के सामने परमेश्वर से कोरोना के रुकने की प्रार्थना की। खराब व्यवस्था ने ली मेरी मा की जान
रोहटा रोड स्थित सरस्वती विहार निवासी अतुल सक्सेना ने बताया कि एक सप्ताह से उनकी मा शारदा देवी बीमार चल रही थी। आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आ गई। उसके बाद वह चिकित्सक की सलाह लेकर अपनी मा का उपचार घर पर ही करने लगे। इसी बीच शारदा देवी का आक्सीजन स्तर कम होने लगा। उन्होंने किसी तरह से महिला को मेडिकाल कालेज में भर्ती करा दिया। अतुल के मुताबिक मेडिकल कालेज के स्टाफ की लापरवाही के कारण ही उनकी मा की मौत हुई है। सुबह शाम गोली व पल्स चेक करने के बाद उनकी मा को देखने कोई स्टाफ नहीं आ रहा था। ऐसे में उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई और मौत हो गई। उन्होंने दोपहर में अपनी माता का दाह संस्कार किया।