नगर आयुक्त की मनमानी, नहीं हो पाई कार्यकारिणी की बैठक
महापौर ने बुलाई थी नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक
मेरठ। नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक का हश्र वही हुआ जिसका अंदेशा था। नगर आयुक्त की मनमानी की वजह से कार्यकारिणी की बैठक नहीं हो सकी। महापौर नगर आयुक्त को फोन मिलाती रहीं लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
महापौर सुनीता वर्मा अपनी पूर्व घोषणा के मुताबिक मंगलवार को टाउन हॉल पहुंचीं। बसपा व उनके सहयोगी पार्षद भी थे। महापौर ने बैठक शुरू करने के लिए नगर आयुक्त व अन्य अधिकारियों की प्रतीक्षा की, लेकिन कोई नहीं आया। इस पर उन्होंने नगर आयुक्त मनोज कुमार चौहान को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। कार्यकारिणी की बैठक के लिए कोई एजेंडा भी नहीं तैयार किया गया था।
महापौर ने कहा कि पार्षदों की मांग पर वे दो महीने से कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का प्रयास कर रही हैं। उनकी सहमति से ही 17 जुलाई को कार्यकारिणी की बैठक का पत्र 12 जुलाई को जारी किया गया था। बैठक रद होने की सूचना का पत्र नगर आयुक्त ने सोमवार को भिजवाया और उसमें पत्र जारी करने की तिथि 13 जून दर्ज है। वह इस प्रकरण की शिकायत शासन के अधिकारियों व मुख्यमंत्री से करेंगी। उधर, जब इस संबंध में नगर आयुक्त से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
कैसा सलूक, इंतजार करती रहीं महापौर
महापौर जब टाउन हॉल में बैठक के लिए पहुंचीं तो उसका दरवाजा बंद था। वह काफी देर तक पार्षदों के साथ खड़ी रहीं लेकिन दरवाजा नहीं खोला गया। जब उन्होंने निगम के कई अधिकारियों को फटकार लगाई तब कोई कर्मचारी आया और दूसरी तरफ का दरवाजा खोलकर चला गया।
महापौर को थी उम्मीद, पर भाजपा पार्षद नहीं आए
महापौर को उम्मीद थी कि भाजपा पार्षद कार्यकारिणी की बैठक में आएंगे, लेकिन वे नहीं आए। भाजपा पार्षद व कार्यकारिणी सदस्य ललित नागदेव ने बताया कि बैठक के लिए एजेंडा जारी नहीं किया गया था, इसलिए भाजपा पार्षद नहीं शामिल हुए।