दारोगा ने दी फर्जी मुकदमा दर्ज करने की धमकी
अज्ञात कालर की शिकायत करने चौकी गए रिकवरी एजेट से दारोगा ने अभद्रता व मारपीट की। विरोध करने पर दारोगा ने रिकवरी एजेट की बाइक व मोबाइल को अपने पास रख लिया। इसमें मारपीट करते हुए दारोगा की वीडियो है।
मेरठ, जेएनएन। अज्ञात कालर की शिकायत करने चौकी गए रिकवरी एजेट से दारोगा ने अभद्रता व मारपीट की। विरोध करने पर दारोगा ने रिकवरी एजेट की बाइक व मोबाइल को अपने पास रख लिया। इसमें मारपीट करते हुए दारोगा की वीडियो है। मोबाइल का पासवर्ड नहीं बताने पर दारोगा रिकवरी एजेट को मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहा है। रिकवरी एजेट ने शिकायत दर्ज कराई है।
मेडिकल थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर स्थित रामापुर बैंक कालोनी निवासी श्रीकांत रिकवरी एजेट है। उसने बताया कि एक सप्ताह पहले उसे अज्ञात नंबर से काल आ रही थी। कालर उससे अभद्रता कर रहा था। कालर की शिकायत करने वह एल-ब्लाक चौकी गया था। आरोप है कि उस समय चौकी इंचार्ज आशु भारद्वाज दो युवकों से मारपीट कर रहे थे। दारोगा ने श्रीकांत को भी उन्हीं युवकों के साथ समझकर अभद्रता व मारपीट करनी शुरू कर दी। इसकी श्रीकांत ने वीडियो बना ली। वहीं, दारोगा आशु भारद्वाज का कहना है कि मारपीट जैसी कोई बात नहीं है। श्रीकांत के खिलाफ कई मुकमदे दर्ज हैं। उस दिन भी उसने चौकी पहुंचकर गाली-गलौच की थी। इसकी वीडियो उनके पास सुरक्षित है। शिकायत सुन रहे एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव ने सीओ सिविल लाइन देवेश सिंह को मामले में जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
न्यायालय ने पूर्व प्रधान पर मुकदमा दर्ज करने के दिए आदेश
मेरठ : अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट संख्या 2 ने शुक्रवार को हापुड़ जनपद के एक पूर्व प्रधान पर भ्रष्टाचार के मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए। अधिवक्ता सुधीर पुंडीर ने बताया कि हापुड़ जनपद के गांव अलीपुर निवासी ग्रामीण धीर सिंह के द्वारा अधिवक्ता के माध्यम से 156 (3 ) प्रक्रिया के तहत एक आवेदन तत्कालीन ग्राम प्रधान राजकुमार के विरुद्ध दिया था। पत्र में ग्राम प्रधान पर बड़ी धांधली करने व स्ट्रीट लाइट में भी घपला कर सरकारी धन का गबन करने के आरोप लगाए थे। ग्रामीण के पक्ष को अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय के द्वारा सुना गया और प्रथम दृष्टया ग्राम प्रधान के आचरण को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में माना। न्यायालय ने उचित धारा में मुकदमा पंजीकृत करते हुए 10 दिन में रिपोर्ट तलब की है।