कोरोना काल में भी समृद्ध रही गांव-देहात के बच्चों की सेहत
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने हर वर्ग को बेहाल कर दिया।
मेरठ,जेएनएन। कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने हर वर्ग को बेहाल कर दिया। पहली बार वायरस का प्रसार गांव की गलियों तक में हुआ और बड़ी संख्या में लोग भी संक्रमण की चपेट में आए। लेकिन कोरोना काल में बच्चों की सेहत वायरस के असर से अछूती ही रही। अब जनपद में शुरू किए गए वजन और जांच अभियान में गांव-देहात के 99 फीसदी बच्चे स्वस्थ सामने आए हैं।
कोरोना की पहली लहर के दौरान शहर और कस्बों में ही संक्रमण का अधिक असर सामने आया था। इसके बाद दूसरी लहर में गांव-देहात तक वायरस का प्रसार हुआ और गांव-देहात निवासी तीन हजार से अधिक लोग संक्रमण की चपेट में आ गए। अब कोरोना का असर कम होने पर गांव-देहात के बच्चों की सेहत की जांच के लिए जनपद भर में वजन-जांच अभियान शुरू किया गया। सप्ताह भर चलने वाले इस अभियान का शुभारंभ तीन दिन पहले हुआ है। पिछले तीन दिनों में 50 हजार बच्चों का वजन मापन के साथ लंबाई और सेहत की जांच भी की गई। जांच में सामने आया कि 99 फीसदी बच्चों की सेहत पर कोरोना की दूसरी लहर का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। अधिकांश बच्चों का वजन और उनकी ग्रोथ सामान्य या अच्छी मिली।
कुपोषित बच्चों की घट रही संख्या
वर्ष 2021 के जनवरी में जनपद में कुपोषित बच्चों की संख्या 5082 थी, 890 अति कुपोषित बच्चे जनपद में थे। अब कोरोना की दूसरी लहर के बाद कुपोषित बच्चों की संख्या घटकर 4720 और अति कुपोषित बच्चों की संख्या 650 रह गई है।
तेज किया अभियान
कोरोना काल में बच्चों की सेहत का ध्यान रखने के लिए गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाया गया। सूखा राशन उपलब्ध कराया गया। साथ ही जरा सी सेहत खराब होने पर चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई गई। जनपद में 1.85 लाख बच्चों में से 50 हजार की जांच हो चुकी है और अधिकांश की सेहत बेहतर सामने आई है।
इन्होंने कहा..
कोरोना की दूसरी लहर का बच्चों की सेहत पर कोई असर सामने नहीं आया है। अब वजन और जांच अभियान के दौरान भी अधिकांश बच्चे स्वस्थ्य हैं और उनकी ग्रोथ भी बेहतर है।
- विनीत कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी।