पंचायत चुनाव में आरक्षण की गाइडलाइन पर टिकी निगाह
त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर फिर से होने वाले आरक्षण ने अधिकारियों के साथ दावेदारों को एक बार फिर बैचेन कर दिया है।
मेरठ, जेएनएन। त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर फिर से होने वाले आरक्षण ने अधिकारियों के साथ दावेदारों को एक बार फिर बैचेन कर दिया है। दिनभर अधिकारी आरक्षण की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए शासन द्वारा जारी किए जाने वाली गाइड लाइन का इंतजार करते रहे। उधर कई दावेदार अपनी बैचेनी का हल तलाशने और आरक्षण की नई प्रक्रिया की जानकारी लेने के लिए विकास भवन भी पहुंचे।
सोमवार को हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद मंगलवार को भी दिनभर प्रधान पद के दावेदारों में सबसे अधिक हलचल रही। दो दर्जन से अधिक दावेदार विकास भवन में सीडीओ के साथ डीपीआरओ कार्यालय में पहुंचे। हालांकि संपूर्ण समाधान दिवस होने के कारण कोई अधिकारी यहां मौजूद नहीं मिला, ऐसे में दावेदार कर्मचारियों से ही आरक्षण की नई प्रक्रिया को लेकर सवाल पूछते नजर आए। उधर, अधिकारी भी शाम तक शासन द्वारा आरक्षण के संबंध में जारी की जाने वाली गाइड लाइन का इंतजार करते रहे। ब्लाक स्तर पर शुरू होगी प्रक्रिया
हाईकोर्ट के निर्णय के बाद अब आरक्षण का आधार 2011 की जनसंख्या के साथ 2015 में हुए पंचायत चुनाव को माना गया है। इसी आधार पर एक बार फिर से आरक्षण की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा। गांवों में जातीय बहुलता को आधार बनाकर आरक्षण तय होगा। ब्लाक क्षेत्र में आने वाले गांवों की आरक्षण प्रक्रिया एडीओ पंचायत और बीडीओ की देखरेख में पूरी होगी। इन्होंने कहा-
ग्राम पंचायत चुनाव के लिए होने वाले आरक्षण को लेकर अभी कोई गाइड लाइन प्राप्त नहीं हुई है। गाइड लाइन प्राप्त होते ही आरक्षण की प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया जाएगा।
-आलोक सिन्हा, डीपीआरओ