रैपिड रेल में पहला डिब्बा स्ट्रेचर, मरीज व व्हील चेयर के लिए होगा आरक्षित

रैपिड रेल आपातकालीन चिकित्सा के लिए भी बहुत मददगार साबित होगी। मेरठ व गाजियाबाद के मरीज दिल्ली की अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा का लाभ उठा सकें इसलिए इसका पहला डिब्बा मरीजों स्ट्रेचर व व्हील चेयर के लिए आरक्षित होगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 10:44 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:44 AM (IST)
रैपिड रेल में पहला डिब्बा स्ट्रेचर, मरीज व व्हील चेयर के लिए होगा आरक्षित
रैपिड रेल में पहला डिब्बा स्ट्रेचर, मरीज व व्हील चेयर के लिए होगा आरक्षित

मेरठ, जेएनएन। रैपिड रेल आपातकालीन चिकित्सा के लिए भी बहुत मददगार साबित होगी। मेरठ व गाजियाबाद के मरीज दिल्ली की अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा का लाभ उठा सकें इसलिए इसका पहला डिब्बा मरीजों, स्ट्रेचर व व्हील चेयर के लिए आरक्षित होगा। स्ट्रेचर को तेजी से प्लेटफार्म पर पहुंचाया जा सके इसलिए उसी के हिसाब से चौड़े लिफ्ट बनाए जाएंगे। सामान्य यात्रियों की वजह से स्ट्रेचर को ले जाने को इंतजार न करना पड़े इसलिए प्रत्येक स्टेशन पर चार लिफ्ट होंगे। स्टेशनों का डिजाइन इस तरह से किया गया है कि बड़े आकार के लिफ्ट बनाए जा सकें। साथ ही ट्रेन का भी डिजाइन इस तरह से किया जा रहा है ताकि उसके अंदर भी मरीजों को स्ट्रेचर सहित ले जाने की व्यवस्था रहे। सभी स्टेशनों में स्ट्रेचर ले जा सकने के लिए 2.4 मीटर लंबा और 1.1 मीटर चौड़ा लिफ्ट डिजाइन किया गया है। ये लिफ्ट स्टेशन के अंदर कोंकोर्स लेवल पर जाने के लिए तो होंगे ही साथ ही कोंकोर्स लेवेल से प्लेटफार्म लेवल पर जाने के लिए भी उपलब्ध होंगे। हर स्टेशन पर जरूरत के अनुसार चार से पांच लिफ्ट लगाए जाएंगे। कुछ सामान्य लिफ्ट भी लगाए जाएंगे जो स्ट्रेचर लिफ्ट के अलावा होंगे। ऐसे बड़े अस्पताल तक पहुंच सकेंगे मरीज

आरआरटीएस के प्रथम कारिडोर के अंतर्गत अभी मेरठ को गाजियाबाद और दिल्ली से जोड़ने के लिए कोरिडोर का निर्माण कार्य चल रहा है। आरआरटीएस का एक दूसरा कोरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से लेकर गुरुग्राम होते हुए एसएनबी तक जाएगा। यह कारिडोर सराय काले खां के बाद आइएनए में एक आरआरटीएस स्टेशन बनाएगा और आइएनए, मेट्रो स्टेशन से इंटरचेंज की सुविधा देगा। चूंकि यहां पर देश के बड़े हास्पिटल जैसे एम्स और सफदरजंग मौजूद हैं इसलिए इसके बनने के बाद मेरठ के किसी भी क्षेत्र से लोग चिकित्सा के लिए यहां पहुंच सकेंगे। यह है खास इस रीजनल रेल में

-160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।

-स्टेशन पर ट्रेन के आगमन और प्रस्थान का समय देख सकेंगे।

-आरआरटीएस के स्टेशन मल्टी माडल इंटेग्रेशन को ध्यान में रखकर बनाए जा रहे हैं। जो यात्रियों को अन्य परिवहन सेवाओं जैसे हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, बस टर्मिनल और सिटी मेट्रो स्टेशन से इंटर-कनेक्ट करेंगे। -वाई-फाई कनेक्शन, कुशन युक्त सीटें, जलपान की जगह, बिजनेस क्लास कोच और उनके यात्रियों के लिए एग्जीक्यूटिव लाउंज रहेंगे। ----------

कैप्शन : स्ट्रेचर समेत मरीज को रैपिड रेल में ले जाने का प्रतीकात्मक फोटो।

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