वैक्सीन लेने का एहसास..बेहद खास
सुबह नहा-धोकर वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार होना। बिल्कुल उसी तरह जैसे मतदान करने जाते हैं। पहले दिन बड़ी संख्या में डाक्टरों ने टीका लगवाया।
मेरठ, जेएनएन। सुबह नहा-धोकर वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार होना। बिल्कुल उसी तरह, जैसे मतदान करने जाते हैं। पहले दिन बड़ी संख्या में डाक्टरों ने टीका लगवाया। उन्होंने कहा कि यह अनुभव खास रहा। टीका लगवाने से पहले बुखार और आक्सीजन का स्तर मापा गया। टीका लगा तो पता ही नहीं चला। बाद में 30 मिनट तक आब्जर्वेशन रूम में बैठना पड़ा। यह अपने आप में टीकाकरण का उत्सव था। 24 घटे बाद एक बार फिर टीका लेने वाले डाक्टरों व हेल्थवर्करों से फीडबैक लिया गया।
मझे वैक्सीन लगवाने में बहुत आनंद आया। कोई साइड इफेक्ट नहीं। वैक्सीन लगवाकर यह साबित करने का मौका मिला कि अफवाहें झूठी हैं। मुझे अपनी सरकार और विज्ञानियों पर पूरा भरोसा है।
डा. ज्ञानेंद्र सिंह, प्राचार्य, मेडिकल कालेज
वैक्सीन लेने के बाद कोई गंभीर लक्षण नहीं उभरा। सिर में भारीपन, थकान और हल्की ठंड लग रही थी, जो वैक्सीन के प्रति शरीर के बेहतर रिस्पास का संकेतक है। अगर बुखार भी हो गया तो साफ है कि शरीर में एंटीबाडी बननी शुरू हो गई।
डा. तनुराज सिरोही, वरिष्ठ फिजिशियन
मुझे वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित लगी। अगले दिन रविवार को किचन संभाला। बाजार गई। बच्चों के साथ आउटडोर जाना रहा। एक भी बार ऐसा नहीं लगा कि वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट है। सभी निर्भीक होकर लगवाएं।
डा. मेघा कुलश्रेष्ठ, असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिकल कालेज
टीके में संशय और डर जैसी कोई बात ही नहीं। मैंने शनिवार को वैक्सीन ली, और रविवार दिनभर बाहरी कामों में व्यस्त रहा। मैंने मेडिकल कर्मचारियों को प्रेरित किया है कि वो अपनी बारी पर टीका लेने से न चूकें।
विपिन त्यागी, अध्यक्ष, मेडिकल कालेज कर्मचारी एसोसिएशन