संक्रमित सोच के खात्मे को पराए कंधों ने निभाया मानवता का रिश्ता

कोरोना महामारी ने इंसान के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं को भी बुरी तरह प्रभावित किया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 11:15 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 11:15 PM (IST)
संक्रमित सोच के खात्मे को पराए कंधों ने निभाया मानवता का रिश्ता
संक्रमित सोच के खात्मे को पराए कंधों ने निभाया मानवता का रिश्ता

मेरठ,जेएनएन। कोरोना महामारी ने इंसान के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। हालाकि जिस तरह अंधेरे को मिटाने के लिए प्रकाश की एक किरण काफी है, उसी तरह उम्मीद पर दुनिया कायम है। इस कोरोना काल में जब पूरी मानवता कराह रही है, तब कुछ लोग फरिश्ते बनकर भी सामने आए हैं। कुछ इसी तरह सारथी सोशल वेलफेयर सोसायटी के पदाधिकारियों ने एक बुजुर्ग के शव को कंधा देकर उनका अंतिम संस्कार करवाया।

शहर के बीच स्थित गाधी आश्रम के पास रहने वाले ऐरन परिवार में उस वक्त दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब घर में एक बुजुर्ग की सामान्य बीमारी से मौत हो गई। घर में सिर्फ बुजुर्ग की पत्नी, एक बेटा और एक बेटी थी। अंतिम यात्रा के लिए चार कंधों की जरूरत थी लेकिन इस मुश्किल घड़ी में रिश्तों की डोर टूट गई और अपनों ने मुंह फेर लिया। परेशान हाल पूरा परिवार शव के पास घटों बेबस बैठा रहा। पीड़ित परिवार की पीड़ा पड़ोस के घर तक पहुंची। इसपर पड़ोस में रहने वाले सज्जन ने सामाजिक संस्था सारथी सोशल वेलफेयर सोसाइटी को पूरी जानकारी दी। संस्था की अध्यक्ष कल्पना पाडेय ने संस्था के सचिव अशोक शर्मा व अन्य कार्यकर्ताओं को सूचना दी। इसके बाद अशोक संस्था के दो अन्य सदस्यों के साथ वहा पहुंचे और बुजुर्ग की अर्थी को कंधा दिया। एंबुलेंस का बंदोबस्त कर शव को सूरजकुंड श्मशान घाट ले गए। वहा नियमपूर्वक अंत्येष्टि कराई। इतना ही नहीं, संस्था के पदाधिकारियों ने परिवार के साथ अस्थि विसर्जन कराकर उनका दुख बाटा। इसमें गोविंद वर्मा व विशाल भलुजा ने भी सहयोग किया।

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