कुत्ता पालने का एक भी लाइसेंस निगम ने नहीं किया जारी
नगर निगम के अधिकारी आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रैबीज वैक्सीनेशन को लेकर तमाम नियमों की बात करते हैं लेकिन कुत्ता पालने के लिए जो नियम नगर निगम नियमावली में हैं।
मेरठ, जेएनएन। नगर निगम के अधिकारी आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रैबीज वैक्सीनेशन को लेकर तमाम नियमों की बात करते हैं, लेकिन कुत्ता पालने के लिए जो नियम नगर निगम नियमावली में हैं। सरकार के गजट नोटिफिकेशन में हैं। स्वच्छता उपविधि 2018 में हैं। उनका भी पालन करने में टालमटोल हो रही है।
नगर निगम नियमावली के अनुसार पालतू पशु के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। जिसके लिए 10 रुपये शुल्क निर्धारित है। यह नियम काफी पुराना है, लेकिन आजतक नगर निगम ने कुत्ता पालने पर एक भी लाइसेंस निर्गत नहीं किया है। वहीं, स्वच्छता उपविधि -2018 और उप्र गजट नोटिफिकेशन में पालतू पशु स्वामी के दायित्व व नगर निगम के दायित्व का उल्लेख किया गया है। जिसमें कहा गया है कि पालतू पशु स्वामी का यह दायित्व होगा कि गली या सार्वजनिक स्थान पर पालतु पशु द्वारा फैलाई गई किसी गंदगी को शीघ्रता से हटा दे। अन्यथा ऐसे अपशिष्ट के समुचित निस्तारण के लिए अर्थदंड लगाया जाएगा। न्यूनतम अर्थदंड 500 रुपये निर्धारित किया गया है। नगर निगम को यह भी सुनिश्चित करना है कि पालतु कुत्ते का लोग एंटी रेबीज वैक्सीनेशन समय से करा रहे हैं या नहीं। लेकिन नगर निगम ने आज तक जुर्माने की कार्रवाई तो छोड़िए, यह सर्वे करने की कोशिश तक नहीं की है कि लोग पालतू कुत्ते का एंटी रेबीज वैक्सीनेशन करा रहे हैं, या नहीं। जबकि जनसुनवाई पोर्टल, निगम के शिकायत केंद्र में पालतू पशुओं से होने वाली गंदगी को लेकर बड़ी संख्या में शिकायतें की गई हैं। गत दिनों न्यू मोहनपुरी में गली नंबर दो से इसी तरह की शिकायत की गई थी। इन्होंने कहा-
यह बात सही है कि पालतू पशु का लाइसेंस निर्गत होना चाहिए। कुछ दिन पूर्व ही यह प्रभार मुझे मिला है। पालतू पशुओं के लाइसेंस की व्यवस्था लागू करने व गंदगी फैलाने पर जुर्माने के प्रविधान का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इस संबंध में नगर आयुक्त से वार्ता कर जल्द निर्णय लिया जाएगा।
इंद्र विजय, सहायक नगर आयुक्त द्वितीय