जर्जर हो गए पुल, डामर की परत बची न रेलिग
काली नदी पर खरखौदा क्षेत्र के कोल गांव का पुल हो या फिर अतराड़ा गांव का पुल
मेरठ,जेएनएन। काली नदी पर खरखौदा क्षेत्र के कोल गांव का पुल हो या फिर अतराड़ा गांव का पुल, इन पुलों की स्थिति इतनी बदतर है कि डामर की परत तो उखड़ ही गई, उसकी रेलिग भी टूट गई है। इन पर वाहनों का भारी दबाव रहता है। इनकी सुध नहीं ली जा रही है, जिससे दुर्घटनाएं होती रहती हैं। जब गन्ने के तौल का समय आता है तब यहां पर स्थिति ज्यादा खतरनाक हो जाती है। सर्दी के मौसम में कई दुर्घटनाएं हुई हैं।
कोल गांव व अतराड़ा गांव के पुल
खरखौदा से सिसौली रोड पर कोल गांव में पुल बना है। काली नदी पर यह पुल 1998 में बना था। ग्रामीण बताते हैं कि पुल निर्माण के कुछ माह बाद ही जर्जर हो गया था। रेलिग टूट गई थी। जिसकी वजह यहां दुर्घटनाएं होती रहती हैं। दूसरा पुल अतराड़ा गांव में बना है। इस पुल का निर्माण करीब 1983 के आसपास हुआ था। यह पुल हापुड़ से किठौर रोड पर है। इस पर दिन रात वाहन गुजरते हैं। ग्रामीण लंबे समय से दुरुस्त कराने की मांग कर रहे हैं। शाम होते ही इस पर दुर्घटना की आशंका गहराने लगती है।
24 करोड़ से सुधरेगी पुल व सड़कों की हालत
खरखौदा क्षेत्र के इन पुलों व उससे संबंधित सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव तैयार किया है। करीब 24 करोड़ रुपये सभी को मिलाकर खर्च होंगे। दावा है कि इससे उस क्षेत्र के सभी पुलों की भी मरम्मत हो जाएगी। इन्होंने कहा..
पुलों की मरम्मत कराने की योजना बना ली गई है। उसके पैराफिट दुरुस्त किए जाएंगे। पुल के ऊपर डामर कार्य भी होगा। दुर्घटना से बचाने के लिए रिफ्लेक्टर लगेंगे।
-अतुल कुमार, अधिशासी अभियंता, प्रांतीय खंड, पीडब्ल्यूडी