आनलाइन पूजा के माध्यम से पारणा करेंगे तपस्वी
हस्तिनापुर में अक्षय तृतीया के मौके पर जैन श्वेतांबर मंदिर में होने वाले मुख्य मेले में प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु व तपस्वी हस्तिनापुर पहुंचकर पारणा करते थे। इस बार कोरोना महामारी के चलते देश में लाकडाउन लगा है। ऐसे में दूसरे वर्ष भी मेला निरस्त कर दिया गया है।
मेरठ, जेएनएन। हस्तिनापुर में अक्षय तृतीया के मौके पर जैन श्वेतांबर मंदिर में होने वाले मुख्य मेले में प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु व तपस्वी हस्तिनापुर पहुंचकर पारणा करते थे। इस बार कोरोना महामारी के चलते देश में लाकडाउन लगा है। ऐसे में दूसरे वर्ष भी मेला निरस्त कर दिया गया है। मंदिर कमेटी अक्षय तृतीया के मौके पर आनलाइन पूजा अर्चना कराएगी। पारणा के तपस्वी अपने घर पर ही तीर्थंकरों की आनलाइन पूजा अर्चना करेंगे।
जैन धर्म में हस्तिनापुर तीर्थ पर पारणा का विशेष महत्व है। चूंकि भगवान ऋषभदेव ने अक्षय तृतीया के दिन इसी धरा पर राजा श्रेयांस द्वारा इक्षुरस से प्रथम पारणा किया था। तभी से जैन धर्म में पारणा की परंपरा चली आ रही है। प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और और पारणा करते थे। परंतु कोरोना महामारी के कारण दूसरे वर्ष भी वर्षो से चली आ रही परंपरा अधूरी रहेगी।
आनलाइन होगा पारणा
मंदिर कमेटी के महामंत्री शुभकांत जैन ने बताया कि इस बार मंदिर में पुजारी द्वारा सर्वप्रथम निशियां जी पर आदीश्वर भगवान के पारणे में मूल स्थल पर इक्षुरस से प्रक्षाल व पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद भगवान शांतिनाथ मंदिर में प्रक्षाल व पूजा तथा पारणा मंदिर में आदीश्वर भगवान की पूजा अर्चना व इक्षुरस बोहरना की क्रिया की जाएगी। तत्पश्चात अष्टापद मंदिर में 24 तीर्थंकरों की प्रक्षाल पूजा व वाíषक ध्वजारोहण किया जाएगा। इस बार लाइव वीडियो के माध्यम से वर्षीतप के लगभग 400 तपस्वियों को पारणा पूजा की मांगलिक क्रियाएं संपन्न कराए जाएंगी। सभी तपस्वी अपने घर पर ही रहकर पारणा कर सकेंगे।