गंगा के पानी से क्षतिग्रस्त एप्रोच रोड ने बढ़ाई वाहन चालकों की परेशानी, दुर्घटना की आशंका
बाढ़ का पानी उतरने के बाद वैसे तो हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र की समस्याओं में क
मेरठ, जेएनएन। बाढ़ का पानी उतरने के बाद वैसे तो हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र की समस्याओं में कमी आने लगी है। अब सबसे ज्यादा परेशानी मवाना चांदपुर मार्ग पर आ रही है। सड़क टूटी होने के कारण रोजाना सैकड़ों वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि बुधवार को ग्रामीणों ने धन एकत्रित कर जेसीबी से टूटे मार्ग को सही कराने का कार्य शुरु कराया है।
टूटे रास्ते से आजिज आ चुके भीकुंड गांव के ग्रामीणों ने गांव से ही धन एकत्रित कर जेसीबी लगवाकर मार्ग को दुरुस्त कराने का कार्य शुरु करा दिया है। लेकिन एक ही नाव के संचालित होने से टूटे मार्ग के दोनों ओर आने जाने वालों की भीड़ लग गई और सभी अपनी अपनी बारी का इंतजार करते रहे। यदि मार्ग शुरु हो जाता है तो वाहन चालकों के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्षतिग्रस्त सड़क रहेगी।
विभाग से उठा भरोसा, स्वयं संभाली कमान
ग्रामीणों ने मार्ग को दुरुस्त कराने के लिए क्षेत्रीय विधायक, डीएम, एसडीएम समेत विभागीय अधिकारियों के यहां गुहार लगाकर थक गए। बुधवार को ग्रामीणों ने स्वयं कमान संभाली और गांव से ही चंदा एकत्र कर जेसीबी चलवाकर
मार्ग को दुरुस्त कराने का कार्य प्रारंभ कराया। जल्द ही मार्ग के दुरुस्त होने की संभावना है।
चांदपुर की ओर जाने वाले बड़े परेशान
मवाना तहसील से चांदपुर की ओर जाने वाले लोग बहुत परेशान है। मार्ग के टूटने से एक मात्र सहारा नाव ही बची है।जिसमें पानी को पार करने में काफी समय लग जाता है। आने जाने वालों की संख्या काफी होने से बुधवार को भीकुंड गांव के समीप भीड़ लगी रही।
बड़ी दुर्घटना न करा दे पुल की एप्रोच रोड
मार्ग के दुरुस्त होने के बाद वाहन चालकों के लिए सबसे बड़ी परेशानी गंगा पुल की एप्रोच रोड़ होगी। भीकुंड गांव से लतीफपुर मोड़ तक सड़क का एक किनारा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है। कई स्थानों पर तो आधी सड़क पानी के साथ बह गई है। ऐसे में वाहन चालकों के लिए बड़ी परेशानी रहेगी और बड़ी दुर्घटना होने की आशंका प्रबल हो जाएगी।
भीकुंड गांव में चला चिकित्सा शिविर
स्वास्थ्य विभाग द्वारा भीकुंड गांव में स्वास्थ्य कैंप का आयोजन किया गया। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. राहुल वर्मा ने बताया कि कैंप में लगभग 60 मरीजों का उपचार कर किया गया। जिसमें अधिकांश एलर्जी व बुखार के थे।