एफएम से अधिक व्यापक है आकाशवाणी का क्षेत्र
आकाशवाणी का उद्देश्य पैसा कमाना नहीं है बल्कि लोगों तक जानकारी पहुंचाना है।
मेरठ,जेएनएन। आकाशवाणी का उद्देश्य पैसा कमाना नहीं है, बल्कि लोगों तक जानकारी पहुंचाना है। रेडियो ने लोगों को जागरूक करने का काम किया, लेकिन लोगों ने रेडियो को एफएम तक सीमित कर दिया। लोग रेडियो को केवल एफएम ही समझते हैं। रेडियो एफएम से कहीं बढ़कर है। एफएम केवल मनोरंजन का साधन है, जबकि रेडियो हर प्रकार की जानकारी लोगों तक पहुंचाने का काम करता है।
सीसीएसयू के तिलक स्कूल आफ मास कम्यूनिकेशन में मंगलवार को आयोजित विशेष व्याख्यान में आरजे नेहा कक्कड़ ने अपने विचार रखे। नेहा कक्कड़ ने कहा कि एक पत्रकार में जनसंचार के सभी माध्यमों की समझ व उसका उपयोग आना चाहिए। रेडियो संचार का बहुत बड़ा माध्यम है। रेडियो तरंगों पर सर्वप्रथम कार्य भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस ने किया था। रेडियो का जमाना कभी पुराना नहीं होगा। रेडियो में उसका श्रोता ही उसका भगवान होता है। रेडियो कार्यक्रम का निर्माण श्रोताओं को ध्यान में रखकर ही किया जाता है। उन्होंने छात्रों को बताया कि रेडियो में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। संस्था के निदेशक प्रो. प्रशात कुमार से अतिथियों का स्वागत किया।
कलश यात्रा निकालकर शुरू की श्रीमद् भागवत कथा: श्रीमद् भागवत कथा समिति व धर्म रक्षा सेवा समिति की ओर से शिवाजी रोड एनएएस कालेज के पास धर्मशाला ट्रस्ट मंदिर महादेव गोलक बाबू में श्रीमद् भागवत का शुभारंभ हुआ। इससे पहले कथा व्यास आचार्य ब्रजकिशोर तिवारी के सान्निध्य में 101 महिलाओं के सहयोग से कलश यात्रा निकाली गई। छीपी टैंक स्थित शिव मंदिर से आरंभ होकर कलश यात्रा विजय नगर होते हुए वापस मंदिर पर आकर संपन्न हुई। मंदिर में कथा व्यास ने मंत्रोच्चारण के साथ कलशों की स्थापना की। आयोजन के पहले दिन कथा व्यास ने महात्म व परीक्षित के जन्म का प्रसंग सुनाया। मुख्य यजमान शिव कुमार बंसल व यजमान एसके विद्यार्थी और अशोक अग्रवाल रहे। आयोजन में भारतभूषण अग्रवाल, अशोक रस्तोगी, शिव कुमार बंसल, राकेश रस्तोगी, विजयवीर रस्तोगी, संत कुमार वर्मा, बलराज गुप्ता, मनोज करन, शाश्वत रेखा अग्रवाल, शालिनी अग्रवाल, कल्पना शर्मा, रेनू गुप्ता, सुनीता बंसल, दीपा बंसल व खुशबू बंसल आदि का विशेष योगदान रहा।