सहारनपुर में खूंखार कुत्तों का आतंक, फिर बनाया भेड़ों को निवाला, अब तक मारी जा चुकी हैं 76, ग्रामीणों में रोष
सहारनपुर में खूंखार कुत्तों का आतंक जारी है। तीसरी बार बाड़े में घुसकर कुत्तों ने डेढ़ दर्जन भेड़ों का शिकार कर लिया। एक सप्ताह के भीतर खूनी हो चुके कुत्तों द्वारा भेड़ों पर हमला किए जाने की यह तीसरी घटना है। लगातार हमले से ग्रामीणों में आक्रोश है।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। सहारनपुर के नानौता में रात्रि में पहरा दिए जाने के बावजूद खूंखार कुत्तों ने तीसरी बार बाड़े में घुसकर लगभग डेढ़ दर्जन भेड़ों को फिर से अपना निवाला बना लिया है। एक सप्ताह के भीतर खूनी हो चुके कुत्तों द्वारा भेड़ों पर हमला किए जाने की यह तीसरी घटना है। अब तक कुत्तों के हमले से 76 भेड मर चुकी हैं। गांव हंगावाली में निवासी पाल समाज के दर्जनों लोगों द्वारा भेड़ पालन किया हुआ है। यही उनकी रोजी-रोटी का जरिया है।
पुलिस ने पहुंचकर जानकारी ली
रविवार की रात्रि में मांगेराम पुत्र बिशन कुमार के बाड़े में घुसकर खूंखार कुत्तों द्वारा किए गए हमले से लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक भेड़ मर गई है। कई भेड जख्मी भी हो गई। बाडे में लगभग डेढ सौ भेड़ थी। सूचना मिलने पर पहुंचे पशुधन प्रसार अधिकारी डॉक्टर अमित कुमार ने घायलों का उपचार किया। थानाध्यक्ष सोवीर नागर के निर्देशन में एसआई अनिल कुमार ने भी मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। मृतक सभी भेड़ों को गड्ढा खोदकर दबा दिया गया।
52 भेड़ें मर गई थीं
गौरतलब है कि पहली घटना 14 सितंबर की रात्रि में हुई जिसमें खूंखार कुत्तों द्वारा दो भाई प्रदीप कुमार व मोनू कुमार पुत्रगण रमेश चंद व जगदीश पुत्र नत्थन आदि भेड़ पालकों के बाड़े में घुसकर खूंखार कुत्तों के झुंड के हमले से 52 भीड़ मर गई थी। जबकि इसके दो दिन बाद 16 सितंबर को कुत्तों ने ऋषिपाल के बाडे में घुसकर लगभग आधा दर्जन भेड़ को अपना निवाला बना लिया था और दो भेड के बच्चों को जिंदा उठाकर ले गए थे। इन दो घटनाओं के हो जाने के बाद भेड़ पालकों द्वारा रात्रि में लाठी डंडे लेकर बाड़े में बंद भेड़ों को कुत्तों से बचाव के लिए रखवाली की जाने लगी थी।
कुत्ते मारकर भाग चुके थे
पीड़ित मांगेराम के अनुसार रविवार की रात्रि दो बजे तक वह कुत्तों से भेड़ों की रखवाली करते रहे। इसके बाद जैसे ही उनकी आंख लग गई बाड़े में घुसकर हमला करते हुए कुत्तों ने उसकी लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक भेड़ों को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि भेड़ द्वारा शोर मचाए जाने पर मांगेराम की मदद को रात्रि में ही प्रधान अंकित उर्फ रवि,अनुज कुमार, नत्थन,रमेश कुमार, प्रदीप कुमार,जगदीश व मोनू पाल आदि दर्जनों ग्रामीण लाठी डंडे लेकर वहां पहुंचे लेकिन तब तक भेड़ों को मारकर कुत्ते वहां से भाग चुके थे।
भेड़ पालकों में रोष
लगातार खूंखार कुत्तों द्वारा किए जा रहे हमले से ना सिर्फ भेड़ पालकों में इसलिए भारी रोष व्याप्त है कि बार-बार मांग किए जाने के बावजूद भी ना तो अधिकारी वर्ग और ना ही जनप्रतिनिधि उन्हें खूंखार कुत्तों से निजात दिला रहे हैं। बल्कि आम ग्रामीणों में भी भय व्याप्त है। गांव के भेड़ पालकों द्वारा उच्चाधिकारियों से पर्याप्त मुआवजा दिलाए जाने के साथ इन खूंखार कुत्तों से निजात दिलाए जाने की मांग भी की गई। ग्राम प्रधान अंकित उर्फ रवि कुमार ने बताया कि अभियान चलाकर खूंखार को पकड़वा कर अन्यत्र छुड़वाया जाएगा।