Mission Shakti Campaign: घर के पास ही बेटियों को हिम्मतवाली बना रहे अध्यापक, यह तरीका अपना रहे Baghpat News

पूरे प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान का आगाज हो चुका है। इस अभियान में बेटियों की सुरक्षा पर ज्‍यादा फोकस किया गया है। बागपत के बड़ौत में उच्च प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक अशोक अंतिल भी बेटियों को जागरूक कर रहे हैं।

By Prem BhattEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 11:27 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 11:27 AM (IST)
Mission Shakti Campaign: घर के पास ही बेटियों को हिम्मतवाली बना रहे अध्यापक, यह तरीका अपना रहे Baghpat News
मिशन शक्ति अभियान में बेसिक शिक्षा विभाग भी बेटियों को जागरूक कर रहा है।

बागपत, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग ने बेटियों की सुरक्षा पर पूरा फोकस किया हुआ है। मिशन शक्ति अभियान के तहत जहां अध्यापक रह रहे वहीं बेटियों को आत्म सुरक्षा और गुड टच और बैड टच की के बारे में जागरूक कर रहे है। साथ ही हेल्पलाइन नंबरों का भी ज्ञान कराया जा रहा है। सुल्तानपुर हटाना गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक अशोक अंतिल भी बेटियों को जागरूक कर रहे हैं।

इसी कड़ी में बेसिक शिक्षा विभाग भी बेटियों हिम्मत दे रहे है। परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों निर्देशित किया हुआ है कि जहां रह रहे हैं वहीं पर बेटियों को आत्म सुरक्षा के गुर सिखा रहे है। उन्हें हेल्पलाइन लाइन नंबरों के बारे में जागरूक कर रहे है। बच्चियों को गुड टच और बैड टच के बारे में बता रहे है।

सुल्तानपुर हटाना गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक अशोक अंतिल बड़ौत में रह रहे है। वहीं उन्होंने आवास के पास आस-पड़ोस की बच्चियों को इकट्ठा करके उन्हें आत्म सुरक्षा के गुर सिखाएं। पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें शारीरिक रूप से मजबूत करने के लिए प्रेरित किया। बीएसए राघवेंद्र सिंह ने बताया कि सभी अध्यापकों को अपने आवास के पास बेटियों को जागरूक करने के लिए आदेशित कर दिया गया है।

मिशन शक्ति अभियान से बेटियों को हिम्मतवाली बनाया जा रहा है। उनके हौसलों को मजबूत करने का हर विभाग प्रयास कर रहा है। विभिन्न कार्यक्रम चलाए हुए है। महिलाओं को उनके अधिकारों बताने की मुहिम चलाई है। अत्याचार से निपटने के लिए विभागों में हेल्प डेस्क बनाई गई है, वहीं थाने और कोतवाली में अलग से महिलाओं की हेल्प डेस्क बना दी गई है।

जिले में 530 है विद्यालय

जिले के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक 530 विद्यालय है जहां पर करीब 22 सौ के अध्यापक है। ये सभी अध्यापक चाहे दिल्ली के हो या मेरठ या अपने गृह जनपद के सभी अपने आवास के पास महिला हो लड़कियां सभी को सुरक्षा के प्रति जागरूक करेंगे। 

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