Fitness Mantra In Meerut: ताउम्र स्वस्थ रहने के लिए अभ्यास जरूरी होता है...इनसे सीखें फिटनेस के मंत्र
57 साल की उम्र में केंद्रीय विद्यालय सिख लाइंस के शिक्षक राजेंद्र सिंह यादव खुद को फिट रखते हैं। वह सुबह सवा चार बजे बिस्तर छोड़ देते हैं। उठने के बाद वह चार से पांच किलोमीटर पैदल चलते हैं। इसके बाद 40 से 45 मिनट योग का अभ्यास करते हैं।
मेरठ, [विवेक राव]। स्वस्थ रहना सभी का हक है। इस हक के लिए हमें भी कुछ चीजों का ख्याल रखने की जरूरत है। अगर हम केवल दूसरों को देखकर यह सोचते रहें कि काश ऐसे हमारा भी स्वास्थ्य रहे। तो
इससे बात नहीं बनने वाली। बस दिन में कुछ वक्त अपने लिए निकालने की जरूरत है। 57 साल की उम्र में केंद्रीय विद्यालय सिख लाइंस के शिक्षक राजेंद्र सिंह यादव खुद को फिट रखते हैं। उन्होंने अपनी दिनचर्या को साझा किया है।
रोजाना सवा चार बजे उठ जाते हैं राजेंद्र
शिक्षक राजेंद्र सिंह सुबह सवा चार बजे बिस्तर छोड़ देते हैं। सुबह उठने के बाद वह चार से पांच किलोमीटर पैदल चलते हैं। इसके बाद 40 से 45 मिनट योग का अभ्यास करते हैं।
इसमें सूर्य नमस्कार भी करते हैं।वह बताते हैं कि सुबह व्यायाम करने से पूरे दिन कोई थकान महसूस नहीं होती है। मन मे बहुत सकारात्मक विचार आते हैं। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए सभी को रोजाना व्यायाम करना चाहिए। इसके लिए किसी उम्र की सीमा नहीं है। छोटी आयु में योग अभ्यास करने से और भी लाभ शरीर को मिलता है।
वजन पर रख सका नियंत्रण
सुबह टहलने, योग और अभ्यास करने से बहुत लाभ हुआ है। वजन पूरी तरह इससे नियंत्रित रहा। बीपी और शुगर पर भी कंट्रोल रहा है। कोविड के समय मानसिक रूप से मजबूत रखने में भी योग सहायक रहा है।
संपूर्ण व्यायाम है सूर्य नमस्कार
ऐसे लोग जो शारीरिक व्यायाम बहुत अधिक नहीं कर पाते हैं। उनके लिए सूर्य नमस्कार एक बहुत उपयोगी शारीरिक व्यायाम है। योग गुरु कर्मवीर महाराज बताते हैं कि यह सूर्य नमस्कार में 12 तरह के आसन होते हैं। अगर कोई इन आसनों को ही नियमित रूप से कर ले तो स्वास्थ्य को बहुत बड़ा लाभ मिल सकता है।सूर्य नमस्कार से जोड़ों के दर्द नजला जुकाम खांसी मधुमेह मोटापा कम आदि की शिकायत दूर हो जाती है फिर भी स्वस्थ रहता है।
ऐसे करें सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। शरीर को तनावमुक्त रखते हुए गहरा सांस लीजिए इसके बाद दोनों हाथों को नमस्कार की मुद्रा में लीजिए। फिर सांस को फेफड़ों में भरते हुए सामने से दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाए।
फिर पीठ भाग को पीछे की ओर ले जाए। फिर वापस आकर श्वास को बाहर छोड़कर दोनों हाथों को सामने की ओर झुकाते हुए दोनों पैरों के पास स्पर्श करें।