बागपत में किसान नेताओं और पुलिस-प्रशासन की वार्ता हंगामे के बाद विफल, 40वें दिन भी धरना जारी
कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बवाल के बाद पुलिस-प्रशासन ने बुधवार दोपहर तहसील में धरनारत किसान नेताओं के साथ बैठक की जिसमें बड़ौत के दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर 40 दिन से चल रहे धरने को समाप्त करने को कहा लेकिन किसान नेताओं ने धरना समाप्त करने से मना किया।
बागपत, जेएनएन। कृषि कानून के विरोध में दिल्ली बवाल के बाद पुलिस-प्रशासन ने बुधवार दोपहर तहसील में धरनारत किसान नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें बड़ौत के दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर 40 दिन से चल रहे धरने को समाप्त करने को कहा, लेकिन किसान नेताओं ने धरना समाप्त करने से साफ मना कर दिया। इसी बात को लेकर बैठक में हंगामा हो गया। इस दौरान एडीएम अमित कुमार, एएसपी मनीष कुमार मिश्र, एसडीएम दुर्गेश कुमार मिश्र, थांबा चौधरी ब्रजपाल सिंह, बलजौर सिंह, विक्रम सिंह आर्य, विश्वास चौधरी आदि मौजूद थे। एडीएम अमित कुमार ने बताया कि धरने पर बैठे किसानों को बातचीत करने के लिए बुलाया गया था। किसानों ने जवाब देने के लिए कुछ समय मांगा है, धरना समाप्त करने के लिए बातचीत चल रही है। गौरतलब है कि कृषि कानून के खिलाफ 19 दिसंबर से दिल्ली सहारनपुर हाईवे पर औधोगिक पुलिस चौकी पर हाईवे की एक लेन पर अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है, जो देशखाप चौधरी सुरेंद्र सिंह की अगुवाई में शुरू हुआ था, जिसके कुछ दिन बाद ही सुरेंद्र सिंह ने धरने से उठ गए थे, लेकिन उसके बाद भी धरना लगातार अभी तक जारी है। हालांकि बाद में सुरेंद्र सिंह ने धरने को अपना समर्थन दे दिया था।
धरनास्थल पर गहमागहमी का माहौल
पुलिस-प्रशासन से बातचीत के बाद धरना समाप्त करने को लेकर गहमागहमी का माहौल बना हुआ है। कई किसान अब धरने को समाप्त करने के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं जबकि कई किसानों का कहना है कि धरना कानून वापसी तक जारी रहेगा। किसान नेताओ का कहना है कि धरने को लेकर अभी किसानों से ही बातचीत हो रही है।