नेट के बाद पीएचडी पर स्कॉलरशिप लीजिए, जानिए कितने रुपये प्रतिमाह पाएंगे Meerut News

नेट के बाद अगर कोई छात्रा या छात्र चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय से पीएचडी करता है तो उसे तीन हजार रुपये प्रतिमाह की स्कॉलरशिप मिलेगी। कार्यपरिषद की बैठक ने मुहर लगाई।

By Prem BhattEdited By: Publish:Mon, 23 Sep 2019 11:45 AM (IST) Updated:Mon, 23 Sep 2019 11:45 AM (IST)
नेट के बाद पीएचडी पर स्कॉलरशिप लीजिए, जानिए कितने रुपये प्रतिमाह पाएंगे Meerut News
नेट के बाद पीएचडी पर स्कॉलरशिप लीजिए, जानिए कितने रुपये प्रतिमाह पाएंगे Meerut News

मेरठ, जेएनएन। यूजीसी नेट की परीक्षा पास कर पीएचडी करने वाले छात्र- छात्राओं के लिए खुशखबरी है। नेट के बाद अगर कोई छात्रा या छात्र चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय से पीएचडी करता है तो उसे तीन हजार रुपये प्रतिमाह की स्कॉलरशिप मिलेगी। रविवार को कार्यपरिषद की बैठक में इस पर अंतिम मुहर लग गई।

पीएचडी की फीस 93 हजार

अभी तक विश्वविद्यालय में यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की ओर से जेआरएफ क्वालीफाई करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति मिलती थी। नेट पास अभ्यर्थियों के लिए कमीशन की ओर से ऐसी कोई सुविधा नहीं दी गई थी। अब शोधार्थियों को करीब 36 हजार रुपये साल स्कॉलरशिप मिलेगी। तीन साल में करीब एक लाख आठ हजार रुपये शोधार्थी प्राप्त कर सकेंगे। विश्वविद्यालय में पीएचडी की फीस 93 हजार रुपये है। रविवार को कार्य परिषद की बैठक की अध्यक्षता कुलपति नरेंद्र कुमार तनेजा ने की। प्रतिकुलपति प्रो. वाई विमला, डा. दर्शन लाल अरोड़ा, डा. अरुण कुमार सिंह, प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. भूपेंद्र सिंह, डा. असलम खान, डा. संजय कुमार, रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार वर्मा, परीक्षा नियंत्रक डा. अश्वनी कुमार, वित्त अधिकारी सुशील कुमार आदि उपस्थित रहे।

सेल्फ फाइनेंस कॉलेज के शिक्षक बनेंगे परीक्षक

विवि की कार्यपरिषद ने सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के शिक्षकों को परीक्षक बनाने का निर्णय लिया है। बीएड की प्रयोगात्मक परीक्षा में सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों के शिक्षकों को रखे जाने से छात्रों की प्रयोगात्मक परीक्षा समय से हो सकेगी। पहले केवल एडेड कॉलेज के शिक्षक ही परीक्षक बनते थे। इससे देर से परीक्षा होने की वजह से परिणाम घोषित करने में भी देरी होती थी।

गेस्ट लेक्चरर को 28 हजार

सेल्फ फाइनेंस कॉलेजों में कार्यरत अतिथि प्रवक्ता यानी गेस्ट लेक्चरर की अर्हता रखने वाले को 28 हजार रुपये महीने दिया जाएगा। अगर वह कोर्स के अनुसार अर्हता नहीं रखते हैं तो उन्हें 18 हजार रुपये देने का निर्णय किया गया है।

बगैर बिल्डिंग के पढ़ाई, जांच बैठी

विवि में कॉलेजों की संख्या एक हजार हो गई है। इसमें कॉलेजों में पढ़ाई का आलम यह है कि कुछ कॉलेज बगैर बिल्डिंग के चल रहे हैं। ऐसा ही मामला मयराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोब एजुकेशन सरधना के कॉलेज का सामने आया है। इस कॉलेज में भवन का निर्माण नहीं किया गया है। यहां बीएड का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया। छात्रवृत्ति भी लेने की शिकायत मिली है। इस मामले विश्वविद्यालय ने चार सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया है। 

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