जिला पंचायत अध्यक्ष की चुनावी जमीन भी बना गए स्वतंत्रदेव
पंचायत चुनावों में भाजपा भले ही अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई लेकिन पार्टी
मेरठ, जेएनएन। पंचायत चुनावों में भाजपा भले ही अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाई, लेकिन पार्टी की नजर अध्यक्ष की कुर्सी पर टिक गई है। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दो दिनी दौरे में जहा कोरोनाकाल में जान गंवाने वाले कार्यकर्ताओं के घर पहुंचकर अपनापन दिखाया, वहीं सेवा ही संगठन के जरिए लोगों की सेवा करने वाले भाजपाइयों की पीठ थपथपाई। हाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे से हुए बदलावों का फीडबैक लिया। पश्चिम उप्र में 14 जिला पंचायत अध्यक्षों के पद पर पार्टी की जीत की रणनीति को धार दी। वहीं, किसान आदोलन की तपिश वाले जिलों से गुजरते हुए हवा के सियासी रुख को भी परखा।
कोरोनकाल के बीच प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव बरेली से रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा और हापुड़ होते हुए मेरठ पहुंचे। उन्होंने संक्रमण से जान गंवाने वाले कार्यकताओं के घर पहुंच यह संदेश भी पहुंचाया कि संगठन और सरकार उनसे दूर नहीं है। दूसरी लहर के दौरान जनप्रतिनिधियों एवं पार्टी जिला एवं महानगर संगठन पर कई सवाल खड़े हुए थे। उन दिनों ज्यादातर भाजपाई घरों में कैद थे और अस्पतालों में बेड और आक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई थी। भाजपा की प्रदेश इकाई ने इस नाराजगी को भापा था, जिसकी भरपाई स्वतंत्रदेव ने करने का प्रयास किया है। जिला एवं महानगर इकाई के साथ अलग-अलग बैठक करते हुए पार्टी में चल रहे अंदरूनी घमासान की थाह भी ली। मेरठ से मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर और बागपत में कार्यकर्ताओं से मिलते हुए वे लखनऊ निकल गए। स्वतंत्रदेव ने क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल से सभी 14 जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटें जीतने के लिए होमवर्क करने को कहा। भरोसा जताया कि सूबे में ज्यादातर जिलों में पंचायत सदस्य भाजपा का अध्यक्ष चाहते हैं। पश्चिम यूपी के दौरे में उन्होंने किसान आदोलन से प्रभावित जिलों का दौरा कर कार्यकर्ताओं से बदलाव का फीडबैक भी लिया।